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अब दक्षिणांचल भी ले रहा मंदिर-मस्जिद का सहारा, होगा अनाउंसमेंट Agra News

उप्र पॉवर कॉरपोरेशन के निर्देश पर शुरू की प्रक्रिया। पश्चिमांचल पहले ही अपना चुका है यह तरीका।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 09:37 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 09:37 AM (IST)
अब दक्षिणांचल भी ले रहा मंदिर-मस्जिद का सहारा, होगा अनाउंसमेंट Agra News
अब दक्षिणांचल भी ले रहा मंदिर-मस्जिद का सहारा, होगा अनाउंसमेंट Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। जिन मंदिर और मस्जिदों के लाउडस्पीकरों से भजन और अजान गूंजती हैं। अब उनसे सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार हो रहा है। पीवीवीएनएल के बाद डीवीवीएनएल ने धर्मस्थलों का सहारा लिया है।

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बिजली विभाग ने आसान किस्त योजना लागू कर रखी है। जो योजना को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाई जा सके। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र में मंदिर-मस्जिदों से अनाउंसमेंट कराया जा रहा है। धर्मस्थलों पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इसके अलावा दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) गांवों में डुग्गी और मुनादी बजवा सामान्य और नलकूप के उपभोक्ताओं आसान किस्त योजना की जानकारी दे रहा है। घरों की दीवारों पर योजना के पोस्टर भी चिपकाए गए हैं। यह पहल पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) ने की थी। उसको नजीर मानते हुए शासन ने सभी डिस्कॉमों को निर्देश दिए थे।

ये है योजना

आसान किस्त योजना 11 नवंबर को लागू हुई थी। इसमें 29 फरवरी तक पंजीकरण करा सकते हैं। योजना में चार किलोवाट स्वीकृत भार तक के घरेलू उपभोक्ता और निजी नलकूप के किसान लाभ ले सकते हैं। इन बकाएदारों का 31 अक्टूबर तक के बकाए पर सरचार्ज में छूट दी जाएगी। ग्रामीण उपभोक्ता 24 किस्त और शहरी उपभोक्ता 12 किस्तों में बकाया बिल जमा कर सकते हैं। पंजीकरण के दौरान बकाया मूल धनराशि का पांच फीसद और कम से कम 1500 रुपये जमा कर सकते हैं।

ग्रामीण इलाकों में साबित होगी कारगर

ये योजना खासतौर पर कस्‍बों और ग्रामीण इलाकों में कारगर साबित होगी। जहां लोग ऑनलाइन बिल पेमेंट से दूरी बनाए हुए हैं और एंड्रायड फोन का इस्‍तेमाल केवल वाट्सएप और फेसबुक तक सीमित बनाए हुए हैं। धार्मिक स्‍थल पर लगे लाउडस्‍पीकर्स से उपभोक्‍ताओं से जुड़ी घोषणाएं, बकाया बिल भुगतान और अन्‍य विभागीय योजनाओं की जानकारी सीधे नागरिकों तक पहुंचाएंगी। डीवीवीएनएल की एमडी सौम्‍या अग्रवाल ने बताया कि योजना के तहत जिस गांव में कैंप लगते हैं। वहां पर मंदिर या मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकरों से अनाउंसमेंट कराया जाता है। जिससे ज्यादा लोगों को पता चल सके। 


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