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Missing Children: अगर घर से भागा या भटक गया है बच्‍चा तो आगरा के कुली पहुंचाएंगे उसे घर

चाइल्ड लाइन के साथ नाराज बच्चों की घर वापसी के अभियान का हिस्सा बनेंगे आगरा में स्‍टेशनों पर कार्यरत कुली। रेलवे स्टेशनों पर अकेले घूमने वाले बच्चों पर नजर रखेंगे कुली देंगे चाइल्ड लाइन को सूूचना। स्टेशनों पर रेलवे चाइल्ड लाइन की शुरुआत 15 जनवरी 2018 से शुरू हुई थी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 16 Feb 2021 02:33 PM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2021 07:02 PM (IST)
Missing Children: अगर घर से भागा या भटक गया है बच्‍चा तो आगरा के कुली पहुंचाएंगे उसे घर
आगरा में रेलवे स्‍टेशनों पर कुली भटके हुए बच्‍चों पर नजर रखेंगे।

आगरा, अली अब्‍बास। रेलवे स्टेशनों पर कुली अब यात्रियों का बोझ ही नहीं, बच्चों की जिम्मेदारी भी उठाएंगे। घर छोड़कर आने वाले बच्चों को उनके अभिभावकों को दोबारा सकुशल सौंपने के चाइल्ड लाइन के अभियान का हिस्सा बनेंगे। अभिभावकों के चेहरे पर खुशी लौटाने का सबब बनेंगे।वह रेलवे स्टेशनों पर लावारिस घूमने वाले बच्चों पर नजर रखेंगे, चाइल्ड लाइन और रेलवे पुलिस को जानकारी देंगे। इससे कि इन बच्चों को काउंसिलिंग के उनके अभिभावकों के सुपुर्द किया जा सके।

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स्टेशनों पर रेलवे चाइल्ड लाइन की शुरुआत 15 जनवरी 2018 से शुरू हुई थी। इसका उद्देश्य घरों से विभिन्न कारणों से नाराज होकर आने वाले बच्चों की काउंसिलिंग करना था। इससे कि वह मानव तस्करी करने वाले गिरोहों तक नहीं पहुंचे। इन बच्चों को उनके अभिभावकों के पास दोबारा सकुशल पहुंचाना है। रेलवे चाइल्ड लाइन करीब तीन वर्ष के दौरान घर छोड़कर आए 400 से ज्यादा बच्चों को उनके अभिभावकों को सकुशल सौंप चुकी है। रेलवे स्टेशनों पर आने-जाने वाले लोगों पर सबसे ज्यादा नजर कुलियाें की रहती है। इसलिए घर छोड़कर अाने वाले बच्चों पर वह सबसे ज्यादा नजर रख सकते हैं।

कुली इन बच्चों को उनके अभिभावकों तक पहुंचाने के लिए बेहतर माध्यम साबित हो सकते हैं। इसके चलते चाइल्ड लाइन अब आगरा समेत 35 रेलवे स्टेशनों पर कुलियों की मदद से अभियान चलाएगी। लावारिस घूमने वाले संदिग्ध बच्चों के बारे में कुली उसे और रेलवे पुलिस को जानकारी देंगे। चाइल्ड लाइन इन बच्चों की काउंसिलिंग करके उनके घर छोड़ने का कारणों का पता लगाएगी। अभिभावकों को बच्चों को सौंपने के दौरान उनकी भी काउंसिलिंग करेगी।

स्टेशनों पर सक्रिय रहते हैं गिरोह

रेलवे स्टेशनों पर ऐसे गिरोह सक्रिय रहते हैं। जो घर छोड़कर आने वाले बच्चों पर नजर रखते हैं। उन्हें अपने चंगुल में लेने के बाद भिक्षावृत्ति समेत अन्य काम कराते हैं। इसके अलावा इन बच्चों को नशे की लत का आदी बना देते हैं। रेलवे स्टेशनों पर कुलियों की सतर्कता ऐसे गिरोहों पर लगाम कसने में मदद करेगी। 


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