सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, शिक्षित भी कर रहा छोटा पर्दा
टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले धारावाहिकों से हो रहा है महिलाओं का अनौपचारिक शिक्षण सर्वे में
आगरा, जागरण संवाददाता । यह सच्चाई हैं। छोटा पर्दा कहे जाने वाले टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले डेली सोप धारावाहिक सिर्फ मनोरंजन के कारण ही पसंद नहीं बने, बल्कि यह शिक्षित और अशिक्षित दोनों तरह महिलाओं के अनौपचारिक शिक्षण का बड़ा माध्यम साबित हो रहे हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्र की कम शिक्षित महिलाओं को कानून, शिक्षा, स्वास्थ्य, राजनीति आदि विषयों के प्रति जागरूक करने में बड़ा योगदान दे रहे हैं।
टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित नारी जीवन आधारित धारावाहिकों का महिलाओं पर प्रभाव विषय पर हुए शोध में शोधार्थी ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की करीब 300-300 महिलाओं से प्रश्नावली आधारित सर्वे कर आंकड़े जुटाए। इनसे पता चलाता है कि 87.27 फीसद महिलाओं का मानना है कि टेलीविजन धारावाहिक सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, औपचारिक शिक्षण का भी एक महत्वपूर्ण और कारगर माध्यम हैं। इसके माध्यम से वह शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, विधिक, राजनीति और आर्थिक क्षेत्रों में अधिकारों के प्रति जागरूक हुई हैं। मोबाइल टीवी और ज्यादा प्रभावी
महिलाओं के बीच टेलीविजन की लोकप्रियता को देखते हुए ही चैनलों ने मोबाइल पर भी टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित होने वाले धारावाहिकों को प्रसारित करना शुरू किया है, इनकी दर्शक क्षमता भी काफी है। इससे महिलाएं मोबाइल पर भी धारावाहिकों का लुत्फ उठाकर अनौपचारिक शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। पुरुषों से अधिक टेलीविजन देखती हैं महिलाएं
व्यापारी परामर्शदाता कंपनी टेलोएट ने स्टेट आफ द मीडिया डेमोक्रेसी सर्वे में दो हजार लोगों पर सर्वे किया। इसमें आंकड़ों से पता चला कि टेलीविजन देखने वालों में महिलाओं की संख्या जहां 93 फीसद थी, वहीं पुरुषों की संख्या 91 फीसद। सर्वे में टेलीविजन को इसलिए चुना गया, क्योंकि यह व्यापक पहुंच वाला माध्यम है। यह है जिले का हाल
वर्ष 2020 में जिले की जनसंख्या करीब 51 लाख 19 हजार 618 थी, इसमें 27 लाख 40 हजार 35 पुरुष और 23 लाख 79 हजार 583 महिलाएं थीं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 44 लाख 18 हजार 797 थी, इसमें 23 लाख 64 हजार 953 पुरुष और 20 लाख 53 हजार 844 महिलाएं थीं। नौ लाख 44 हजार 426 महिलाएं शहरी क्षेत्र से और 11 लाख नौ हजार 418 महिलाएं ग्रामीण क्षेत्र से थीं। जिले की कुल महिलाओं में से 10 लाख 65 हजार 916 साक्षर थीं, जिसका फीसद 71.58 था।