वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए मांगी गई एनओसी
कुबेरपुर स्थित लैंड फिल साइट में जमीन की जा रही चिन्हित 52 एकड़ में है साइट 500 टन कूड़े से हर दिन पैदा होगी दस मेगावाट बिजली
आगरा, जागरण संवाददाता। नगर निगम प्रशासन ने वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए एक कदम और बढ़ा दिया है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी), वन विभाग सहित अन्य विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मांगा गया है। वहीं कुबेरपुर स्थित लैंडफिल साइट में जमीन चिन्हित की जा रही है। प्लांट लगाने के लिए पांच से सात एकड़ के आसपास जमीन चाहिए। कुल जमीन 52 एकड़ है। प्लांट लगने से हर दिन 500 टन कूड़े से दस मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।
वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की क्षमता 15 मेगावाट की होगी। इसके लिए हर दिन आठ सौ टन कूड़े की जरूरत होगी। फिलहाल प्लांट से दस मेगावाट विद्युत उत्पादन किया जाएगा। हर दिन भरपूर बिजली मिलेगी। वहीं गंदगी से भी राहत मिलेगी। 750 टन निकलता है कूड़ा : नगर निगम के सौ वार्डों से हर दिन 750 टन कूड़ा निकलता है। इसमें चार सौ टन सूखा और साढ़े तीन सौ टन गीला कूड़ा होता है। गीले कूड़े की खाद तैयार होती है।
निगम का नहीं खर्च होगा पैसा : वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में नगर निगम प्रशासन का कोई पैसा खर्च नहीं होगा। स्पाक ब्रेसन कंपनी द्वारा 175 करोड़ रुपये से प्लांट लगाया जाएगा। यह प्लांट 14 माह के भीतर तैयार हो जाएगा।
दो लाख टन पड़ा है कूड़ा : लैंडफिल साइट में वर्तमान में दो लाख टन कूड़ा पड़ा हुआ है। कूड़े को प्रासेस किया जा रहा है। - वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए संबंधित विभागों से एनओसी मांगी गई है। प्लांट लगने से आगरा को फायदा होगा। कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण होने के साथ ही भरपूर बिजली भी मिलेगी।
निखिल टीकाराम, नगरायुक्त