हाल ए ताज नेचर वॉक: टिकट पूरी और सुविधाएं अधूरी, खूब हो रही पेड़ों की कटाई Agra News
जगह-जगह खुले हैं रास्ते बाहरी तत्वों का प्रवेश। टॉयलेट पानी की सुविधा नहीं खुले में फैले हैैं बिजली के तार।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताज नेचर वॉक में घूमने के बाद पर्यटकों को मायूसी हाथ लगती है। ये पिकनिक पाइंट से ज्यादा परेशानी का अड्ढा बन गया है। पर्यटकों की टिकट तो पूरी है सुविधाएं अधूरी हैं। बाहरी तत्वों का प्रवेश आफत बना है। मूलभूत सुविधाएं दम तोड़ गई हैैं। जागरण की टीम ने ताज नेचर वॉक की पड़ताल की तो हकीकत सामने आ गई।
ताज पूर्वी गेट पर ताज नेचर वॉक पार्क में रोजाना सैकड़ों देसी-विदेशी पर्यटक घूमने पहुंचते हैं, लेकिन वन विभाग ने ठंड में लापरवाही की रजाई ओड़ रखी है। उसका खामियाजा पर्यटकों को भुगतना पड़ता है। यहां पीने के पानी की व्यवस्था, बैठने और ट्रीगार्ड में लगे पौधों को देखकर बहुत अफसोस होता है। इसके अलावा पार्क की बाउंड्री में लोहे का जाल लगा हुआ है, लेकिन विभिन्न जगहों से यह भी खुला है। इन रास्ते से बिना टिकट वाले बाहरी तत्वों का प्रवेश है। जो पर्यटकों के खतरा हैं।
लाखों की लागत से बना टिकट घर बंद
ताज नेचर वॉक के प्रवेश द्वार के बगल में ही मोटी रकम खर्च करके टिकट घर बना था। लेकिन अब यह महज दिखने के लिए है। यहीं से विभाग की लापरवाही की परते खुलनी शुरू हो जाती हैैं। टिकट घर में दो खिड़की बनी हैं। जो हमेशा बंद रहती हैं। पर्यटकों को टिकट वितरण की सुविधा अंदर है। अप्रैल, 2018 में आए तूफान में टिकट घर की छत पर लगी जालियां टूट गई थीं। जो अभी तक टूटी पड़ी हैं। यह टिकट घर अब कबागड़ रखने के काम आता है और इसमें काफी सामान भरा भी है।
ट्रीगार्ड से बाहर न निकले पौधे
ताज नेचर वॉक में वर्ष 2011-12 में पौधारोपण हुआ था। इसमें वन विभाग के उच्च अधिकारियों पौधे लगाए थे, लेकिन ये पौधे छह वर्ष बाद भी ट्रीगार्ड से बाहर तक नहीं निकले। 24 ट्रीगार्ड ऐसे हैैं, जिनमें पौधों का दम घुट रहा है और कुछ ट्रीगार्ड पौधों के ऊपर गिरे हुए हैं। इन्हें कोई देखने वाले नहीं है।
कैंटीन बंद, टॉयलेट में पानी तक नहीं
ताज नेचर वॉक में लगे रूप मेप पर पाइंट नंबर सात पर कैंटीन दिखाई जाती है, लेकिन यह कैंटीन केवल दिखावा है। इसमें ताला लटका है। इसके पास बने टॉयलेट में वैसे मारबल लगा है, पर पानी के तरस रहे हैं। बिजली के बोर्ड खुले पड़े हैैं।
हमें कौन अनुमति देगा?
आगरा में हरियाली कम हो रही है। बाहर के लोग तो छोडि़ए खुद वन विभाग आरी चाल रहा है। ताज नेचर वॉक में हरे पेड़ों को काटा गया है। फाउंटेन के पास ही शहतूत का तना कटा पड़ा मिला। विभाग के कर्मचारियों के लिए बने आवासों में लगे पेड़ों को ऊपर से काट दिया गया। यहां पर रहने वाली महिला से जब पेड़ काटने कहानी पूछी तो उन्होंने कहा हमारे पति वन विभाग में हैैं, हमें पेड़ काटने की अनुमति कौन देगा? हमने खुद काटा है।
लेक की हालत भी खस्ता
पार्क में बनी झील में पानी आने पहुंचने के लिए लेक बनी हुई हैै। इसमें से अंत में बनी हुई लेक क्षतिग्र्रस्त है। वह टूटकर नीचे गिर रही है।