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Smugglers in Agra: आगरा में गोतस्करों के गैंग का भंडाफोड़, नौ गिरफ्तार

Smugglers in Agra राजस्थान से गोवंश को लाकर बिहार में दस गुने रुपयों में बेचते हैं गोतस्कर। चार दिन पहले एत्माद्दौला क्षेत्र में ट्रक छोड़कर भाग गए थे की थी फायरिंग। आरोपितों की निशानदेही पर गोतस्करी में इस्तेमाल किया जाने वाला ट्रक कैंटर और तमंचा मिला है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 02:57 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 02:57 PM (IST)
Smugglers in Agra: आगरा में गोतस्करों के गैंग का भंडाफोड़, नौ गिरफ्तार
एसओजी और एत्माद्दौला थाना पुलिस ने गैंग के नौ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा के गोतस्करों का गैंग बड़े पैमाने पर गोवंश की तस्करी कर रहा था। राजस्थान से गाेवंश को लाकर ये बिहार में काटने के लिए बेचने ले जाते थे। चार दिन पहले एत्माद्दौला क्षेत्र में गोवंश से भरा ट्रक छोड़कर वे फायरिंग करते हुए भाग गए थे। अब एसओजी और एत्माद्दौला थाना पुलिस ने गैंग के नौ सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों की निशानदेही पर गोतस्करी में इस्तेमाल किया जाने वाला ट्रक, कैंटर और तमंचा मिला है। अब इनके साथियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

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गोतस्कर चार मई को राजस्थान के सहपऊ से गोवंश ट्रक में भरकर बिहार के डेहरी आनसोन के लिए ले जा रहे थे। अखिल भारत हिंदू महासभा को इसकी जानकारी हो गई। पदाधिकारियों ने ट्रक का ग्वालियर रोड से ही पीछा शुरू कर दिया। गो तस्करों ने उनके ऊपर फायरिंग की और बैरियर तोड़ते हुए एमजी रोड से भगवान टाकीज होते हुए शाहदरा तक पहुंच गए। पुलिस भी ट्रक का पीछा कर रही थी। घिरते देखकर आरोपित शाहदरा पर ट्रक खड़का करके फायरिंग करते हुए भाग गए थे। ट्रक में 17 गोवंश निकला था। इसमें से चार की मौत हो गई थी। सभी को नंदीशाला बाईंपुर भेज दिया था। इस मामले में एत्माद्दौला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। शनिवार को एसओजी टीम और एत्माद्दौला पुलिस ने गोतस्करों के गैंग के सदस्यों को शाहदरा चौराहा के पास से गिरफ्तार कर लिया। इसमें लोहामंडी निवासी इरशाद और उसके चार बेटे शामिल हैं। इनके अलावा फरह, फीरोजाबाद और औरैया के भी गो तस्कर हैं। एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि गोतस्कर कई वर्षों से राजस्थान बार्डर से गोवंश लाकर बिहार की मंडी डेहरी आनसोन में ग्यासू, अनवर व शमसेर के माध्यम से काटने के लिए बेच देते हैं। तस्करों को राजस्थान बार्डर पर गिरधारी आसपास के भाट जाति के लोगों के माध्यम से दिलवाता था। वहां से चार से पांच हजार में गोवंश को खरीदकर ये बिहार में 35 से 40 हजार रुपये में बेचते हैं।

गिरधारी एक गाड़ी पर लेता था एक लाख

राजस्थान में रहने वाला गिरधारी गो तस्करों से एक गाड़ी लोड कराने के एक लाख रुपये लेता था। इसमें से वह दस हजार रुपये गाड़ी चालक को दे देता था। 80 हजार रुपये उन भाटों को देता था, जिनसे गोवंश खरीदता था। दस हजार रुपये कमीशन के तौर पर अपने पास रख लेता था। एक गाड़ी में 20 गोवंश तक लोड किए जाते थे।

ये हुए गिरफ्तार

लोहामंडी के आलमगंज निवासी इमरान, इरशाद, उसके बेटे अफसार, अरशद , आदिल व सद्दाम, मथुरा के फरह निवासी सलीम, औरैया के बाबरपुर निवासी गौरव, फीरोजाबाद के नसीरपुर निवासी वसीम।

और भी गैंग सक्रिय हैं

पुलिस को पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि गोतस्करी के खेल में उनके अलावा मुजफ्फर नगर के सरफराज व माजिद, मुरादाबाद का कामिल, लखनऊ का मुल्ला वारिस, मेरठ का चांद और लोहामंडी के आलमगंज के फुरकान, रिजवान, आजाद, मतीन, अशफाक शामिल हैं। पुलिस अब इनके बारे में भी जानकारी जुटा रही है। 


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