GST Theft: जीएसटी चोरी पकड़े जाने से बचाने का निकाला नया तरीका, विभागीय अधिकारी परेशान
GST Theft वाणिज्य कर विभाग खंगाल रहा है ऐसे कलाकारों का काला चिट्ठा। 20 से 30 फीसद ही कर रहे फर्जी बिलिंग का कारो। फर्जी दस्तावेजों से बोगस फर्म बनाकर जीएसटी चोरी करने वाली सैकड़ों फर्म जिले में भी चिन्हित हो चुकी हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। फर्जी नाम-पते पर बोगस फर्म पंजीकृत करके इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) हड़पने या टैक्स चोरी करने वाली फर्मों पर नकेल कसने की वाणिज्य कर विभाग ने फुलप्रूफ प्लानिंग की थी, लेकिन अब टैक्स चोरी करने वाले शातिर कलाकारों ने नया रास्ता अख्यियार कर लिया है। पकड़े जाने से बचने के लिए वह 20 से 30 फीसद कारोबार ही बोगस बिल पर कर रहे हैं।
फर्जी दस्तावेजों से बोगस फर्म बनाकर जीएसटी चोरी करने वाली सैकड़ों फर्म जिले में भी चिन्हित हो चुकी हैं, जो करोड़ों की आइटीसी क्लेम कर विभाग को राजस्व का चूना लगा चुकी हैं। उन पर नकेल कसने को विभाग ने आइटीसी जारी करने से पहले फर्मों का भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश दिए थे। जिम्मेदारी विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) को सौंपी गई थी, लेकिन अब तक विभाग इस प्रक्रिया की शुरूआत नहीं हो सकी। हालांकि कलाकारों द्वारा अपनाए जा रहे नए रास्ते ने वाणिज्य कर अधिकारियों की परेशानी बढ़ा दी हैं।
जांच में अटकी कार्रवाई
विभाग के एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन राकेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि जो बोगस फर्म हैं और पूरी तरह फर्जी बिल पर कार्रवाई करती हैं, उन्हें चिन्हित करना आसान है। लेकिन जो फर्म ज्यादातर काम सही करती हैं, लेकिन 20 से 30 फीसद काम ही बोगस फर्म या बिल से करती हैं, उन्हें सीधे तौर पर पकड़ना आसान नहीं क्योंकि उनके एकाउंट बेहद साफ होते हैं। सरसरी नजर में उन्हें पकड़ा नहीं जा सकता, गहन जांच में ही यह कमियां पकड़ी जा सकती हैं, लेकिन उसके लिए शिकायत और समय की दरकार होती है, जो फिलहाल मुश्किल से मिल पा रही हैं।
विभाग को दें सूचना
उनका कहना है कि यदि कोई व्यापारी या कारोबारी गलत काम कर टैक्स चोरी कर रहा है, तो आप विभाग को गोपनीय शिकायत कर सकते हैं, आपका नाम-पता गुप्त रखा जाएगा। इसके बाद साक्ष्य जुटाकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इन ट्रेड में ज्यादा होती है टैक्स चोरी
टैक्स चोरी या करपंवचना प्रमुख रूप से सोना-चांदी, रेडिमेड गारमेंट, टिंबर, कंस्ट्रक्शन सर्विस, वर्क कांट्रेक्ट सर्विस, कृषि उत्पाद, दूध निर्मित उत्पाद, मोबाइल, स्क्रैप, लोहा व स्टील, तांबे के तार या सरिया, मेटल कबाड़, प्लास्टिक दाना, पीवीसी रेजीन, मानव श्रम सप्लाई सेवा, एनिमेशन आदि ट्रेड में फर्जी बिल आदि के माध्यम से की जाती है।