Move to Jagran APP

New Education Policy: आंबेडकर विश्वविद्यालय में नए सत्र से स्नातक स्तर पर लागू होगी नई शिक्षा नीति

New Education Policy विद्या समिति से मिल चुकी है संस्तुति परास्नातक स्तर पर 2022-23 में होंगे लागू। तीन विषय वाले सभी त्रिवर्षीय पाठ्यक्रमों में होंगे बदलाव। शासनादेश के अनुसार छात्र द्वितीय या तृतीय वर्ष में विषय बदल सकेंगे।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 02:39 PM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 02:39 PM (IST)
New Education Policy: आंबेडकर विश्वविद्यालय में नए सत्र से स्नातक स्तर पर लागू होगी नई शिक्षा नीति
शासनादेश के अनुसार छात्र द्वितीय या तृतीय वर्ष में विषय बदल सकेंगे।

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में नए सत्र से त्रिवर्षीय स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में नई शिक्षा नीति लागू कर दी जाएगी। अन्य बदलाव 2022-23 में होंगे। इसके लिए कालेजों को निर्देशित कर दिया गया है।

loksabha election banner

शासन ने प्रदेश के सभी राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों में संचालित तीन विषय वाले सभी त्रिवर्षीय पाठ्यक्रमों में नए सत्र से ही नई शिक्षा नीति लागू करने का आदेश दिए थे। शासन द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि त्रिवर्षीय स्नातक स्तर के 62 पाठ्यक्रम तैयार किए जा चुके हैं। यह पाठ्यक्रम उच्च शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। नए सत्र से विश्वविद्यालय में न्यूनतम समान पाठ्यक्रम के तहत 70 फीसद पाठ्यक्रम समान होगा। तीन विषय वाले सभी त्रिवर्षीय पाठ्यक्रमों व बीकाम में सीबीसीएस आधारित नवीन पाठ्यक्रम लागू होगा।

द्वितीय या तृतीय वर्ष में बदल सकेंगे विषय

शासनादेश के अनुसार छात्र द्वितीय या तृतीय वर्ष में विषय बदल सकेंगे। विषय न्यूनतम एक वर्ष के बाद ही बदला जा सकेगा। छात्र को प्रवेश के समय कला, विज्ञान एवं वाणिज्य में से संकाय को चुनना होगा। चुने हुए संकाय के दो मुख्य विषय लेने होंगे। पहले से छठें सेमेस्टर तक इसकी शिक्षा दी जाएगी। तीसरे मुख्य विषय का चुनाव अन्य किसी भी संकाय के साथ कर सकेगा।तीन मेजर और माइनर इलेक्टिव विषय चुनते हुए यह अनिवार्य होगा कि छात्र को कम से कम एक विषय अन्य संकाय से लेना होगा।

2022-23 में होंगे कई बदलाव

- स्नातक(शोध सहित) एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सीबीसीएस आधारित नवीन पाठ्यक्रम लागू होगा।

- बीए, बीएससी आनर्स तथा एकल विषय स्नातक कार्यक्रमों में सीबीसीएस आधारित नवीन पाठ्यक्रम लागू होगा।

- पीएचडी में नवीन व्यवस्था लागू होगी।

लेना होगा कौशल विकास कोर्स

स्नातक स्तर के हर छात्र को प्रथम दो वर्ष के प्रत्येक सेमेस्टर में तीन क्रेडिट का एक कौशल विकास कोर्स करना होगा।स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर पर छात्र को प्रत्येक सेमेस्टर में शोध परियोजना करनी होगी।छात्र द्वारा चुने गए तीसरे वर्ष के दो मुख्य विषयों में से किसी एक विषय एवं चतुर्थ, पंचम एवं षष्टम वर्ष के मुख्य विषय से संबंधित शोध परियोजना करनी होगी।

2021-22 से स्नातक स्तर पर नई शिक्षा नीति लागू कर दी जाएगी, इसे विद्या परिषद से संस्तुति भी मिल चुकी है। शासन के आदेशों के बाद 2022-23 से परास्नातक पर भी बदलाव किए जाएंगे।

- प्रो. आलोक राय, कुलपति 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.