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नालों की सफाई में लापरवाही बारिश में पड़ेगी भारी

नगर निगम के सौ वार्डों में 331 हैं नाले अंतिम छोर से शुरुआत तक एक भी नाला नहीं हुआ साफ तलीझाड़ नालों की सफाई न होने से आएगी समस्या लाखों रुपये हुए खर्च

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 08:03 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 08:03 PM (IST)
नालों की सफाई में लापरवाही बारिश में पड़ेगी भारी
नालों की सफाई में लापरवाही बारिश में पड़ेगी भारी

आगरा, जागरण संवाददाता। बेमौसम बारिश से नगर निगम के अफसरों ने सीख नहीं ली है। एक भी नाला अंतिम छोर से लेकर शुरुआत तक साफ नहीं हुआ है। नालों की सफाई टुकड़ों में की गई है। समयावधि पूरी होने में दो दिन बचे हैं। ऐसे में इस मानसून में शहर को तालाब बनने से कोई नहीं रोका सकता।

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नगर निगम के सौ वार्डों में 331 नाले हैं। इनमें 15 भूमिगत और 21 बड़े नाले हैं। नगर निगम की टीम ने बड़े नालों की सफाई पर फोकस किया। जेसीबी और पोकलेन मशीन लगा कर सफाई की गई लेकिन यह सफाई अंतिम छोर के बदले टुकड़ों में की गई है। पिछले सप्ताह मेयर नवीन जैन ने अंतिम छोर से शुरुआत तक नाला सफाई के आदेश दिए थे। 25 जून तक सभी नालों की सफाई के लिए कहा था। निगम प्रशासन ने 90 फीसद नालों की सफाई का दावा किया है जिस पर लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं।

अभी तक साफ नहीं हुए हैं भूमिगत नाले : शहर में 15 भूमिगत नाले हैं। पिछले सप्ताह ही इन नालों की सफाई शुरू हुई है। कुछ में सुपर सकर मशीन का प्रयोग किया गया, बाकी को मैनुअल तरीके से साफ कराया गया। कुछ हिस्से की सफाई के बाद पूरे नाले को साफ दिखा दिया गया।

इन क्षेत्रों में जलभराव से नहीं है इन्कार : कमला नगर, बल्केश्वर, दयालबाग, बापू नगर, टीपी नगर, जयपुर हाउस, आवास विकास क्षेत्र, बोदला, विजय नगर कालोनी, जीवनी मंडी क्षेत्र, ताजगंज, बाग फरजाना, आजमपाड़ा, अशोकनगर, शमसाबाद रोड, रामनगर की पुलिया के आसपास, शाहगंज, मारुति एस्टेट।

- नालों की सफाई ठीक तरीके से नहीं हुई है। इस बारिश के मौसम में जलभराव से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

जरीना, पार्षद - नालों की सफाई में रस्म अदायगी की गई है। बारिश में नाले जल्द चोक हो जाएंगे।

शिरोमणि सिंह, पार्षद - नालों की सफाई पर लाखों रुपये खर्च हुए लेकिन ठीक तरीके से नाले साफ नहीं हुए हैं। इसकी सजा जनता को भुगतनी पड़ेगी।

ममता टपलू, पूर्व पार्षद - भूमिगत नाले अभी तक अच्छी तरीके से साफ नहीं हुए हैं। इस मानसून में शहर को तालाब बनने से कोई नहीं रोक सकता है।

मुकेश यादव, पूर्व पार्षद - नालों की सफाई तलीझाड़ होनी चाहिए। यह अंतिम छोर से शुरू होना चाहिए लेकिन निगम की टीम ने टुकड़ों में नालों को साफ किया गया है।

रवि माथुर, पार्षद

- 25 जून तक नालों की सफाई का समय अफसरों को दिया गया है। शहर में जलभराव होने पर सेनेटरी इंस्पेक्टर को दोषी मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।

नवीन जैन, मेयर


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