शहर को साफ रखने को निकाला ये तरीका, कचरा लग रहा ठिकाने और बढ़ रही हरियाली
आगरा में नगर निगम खराब हरी सब्जियों से तैयार करा रहा है खाद। राजनगर में लगा है एक मीट्रिक टन खाद का प्लांट। कुबेरपुर को मिलाकर निगम प्रशासन हर दिन ढाई सौ टन के आसपास तैयार कर रहा है खाद। नगर निगम के पार्कों में भी हो रही इस्तेमाल।
आगरा, अमित दीक्षित। छोटा लेकिन अच्छा प्रयास। अक्सर सब्जी मंडियों में खराब हरी सब्जियों को रोड पर फेंक दिया जाता है। यह फिर किसी अन्य खुले स्थल पर। इससे न सिर्फ गंदगी फैलती है बल्कि पैदल चलने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसे देखते हुए एक निजी कंपनी ने हरी सब्जियों से खाद बनाना शुरू किया है। राजनगर पंचकुइयां रोड पर एक मीट्रिक टन का प्लांट लगाया गया है। हर दिन खाद तैयार हो रही है, जिसकी बिक्री ऑनलाइन व मैनुअल तरीके से की जाती है।
नगर निगम के 100 वार्ड से हर दिन 750 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इसमें 400 मीट्रिक टन कूड़ा सूखा, 300 टन कूड़ा गीला और 50 टन सिल्ट शामिल है। सूखे कूड़े को निस्तारित किया जाता है, जबकि गीले कूड़े से खाद बनाने के लिए कुबेरपुर, राजनगर, आईएसबीटी और धांधूपुरा में प्लांट लगाए गए हैं, इनकी कुल क्षमता 300 टन है। इसमें राजनगर में एक मीट्रिक टन का प्लांट हरी सब्जियों से खाद बनाने का लगाया गया है। नगर निगम के पर्यावरण अभियंता राजीव राठी ने बताया कि हर दिन सिकंदरा सब्जी मंडी, बोदला सब्जी मंडी या फिर अन्य से खराब हरी सब्जियों का उठान किया जाता है। इसे प्लांट में पहुंचाया जाता है, जहां इसकी खाद तैयार की जाती है। राजनगर में ही फूलों से खाद तैयार करने का भी प्लांट लगा हुआ है, लेकिन धार्मिक स्थल बंद होने के चलते पर्याप्त मात्रा में फूल नहीं मिल पा रहे हैं। इससे इसका संचालन ठीक से नहीं हो पा रहा है।
आय बढ़ने के साथ शहर रहेगा साफ
नगर आयुक्त निखिल टीकाराम का कहना है कि गीले कूड़े से हर दिन खाद तैयार होने से शहर साफ रहेगा। साथ ही इससे नगर निगम प्रशासन की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
1500 मीट्रिक टन खाद की हो चुकी है आपूर्ति
नगर निगम प्रशासन ने अभी तक कृभको को 1500 से अधिक मीट्रिक टन खाद की आपूर्ति की है। पहले चक्र में 1000 मीट्रिक टन का आर्डर दिया गया था, जबकि दूसरे में 1000 मीट्रिक टन आर्डर फिर से दिया गया है ।
डेढ़ रुपये किग्रा के हिसाब से खरीद
नगर निगम प्रशासन ने कृभको को डेढ़ रुपये प्रति किग्रा के हिसाब से खाद बेची है। जिससे जो भी आय होगी, उसे निगम की आय में शामिल किया जाएगा।
नहीं खुलेगी कोई दुकान
विभिन्न प्लांटों में जो भी खाद तैयार हो रही है। उसकी खपत नगर निगम के 369 पार्कों में की जाएगी। खाद की बिक्री के लिए नगर निगम प्रशासन अलग से कोई दुकान नहीं खोलेगा।