Taj Mahal in Agra: ताज की बंदी सब पर भारी, 174 दिन से नहीं बोला Smile Please
Taj Mahal in Agraताजमहल व अन्य स्मारकों पर काम करने वाले 500 से अधिक फोटोग्राफर बैठे हैं खाली।17 मार्च से बंद है ताजमहल और आगरा किला 16 मार्च को खींचा था अंतिम फोटो।
आगरा, जागरण संवाददाता। दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल के साये में पर्यटकों को कैमरे में कैद करने वाले फोटोग्राफर और उनके कैमरे 174 दिन से खामोश हैं। पर्यटकों के फोटो खींचते समय वो 'स्माइल प्लीज...' और 'चीज...' बोला करते थे, लेकिन अब उन्हें यह याद भी नहीं कि अंतिम बार उन्होंने यह शब्द कब कहे थे। बेबस फोटोग्राफरों को इंतजार ताजमहल पर लगा बंदी का ताला खुलने का है, जिससे कि वो पुन: पर्यटकों की सुनहरी यादों को कैमरे में संजोते हुए रोजी-राेटी का इंतजाम कर सकें।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा संरक्षित स्मारकों पर 500 से अधिक फोटोग्राफर काम करते हैं। इनमें से ताजमहल पर सर्वाधिक 202 नए और 264 पुराने (हाईकोर्ट के आदेश पर काम कर रहे) समेत 464 फोटोग्राफर हैं। 17 मार्च को स्मारकों पर ताला लगने के साथ ही यह बेरोजगार हो गए थे। एक सितंबर को स्मारक खुले जरूर, लेकिन ताजमहल और आगरा किला की बंदी सब पर भारी है। जब तक ताजमहल और आगरा किला नहीं, खुलेंगे तब तक फोटोग्राफरों काे भी काम नहीं मिल सकेगा। इसके चलते ताजमहल के आसपास स्थित दर्जन भर से अधिक फोटो लैब भी बंद हैं। उनके कर्मचारियों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट है।
तय है फीस
विश्वदाय स्मारकों के लिए फोटोग्राफरों की वार्षिक लाइसेंस फीस 25 हजार रुपये और अन्य स्मारकों के लिए 15 हजार रुपये वार्षिक है। ताजमहल पर हाईकोर्ट के आदेश से काम कर रहे फोटोग्राफरों की फीस 5000 रुपये वार्षिक है।
फोटोग्राफरों को ही मिली है राहत
कोविड-19 के काल में पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों में केवल फोटोग्राफरों को ही केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के निर्देशों पर फीस में राहत मिल सकी है। उनकी लाइसेंस फीस घटाकर पांच हजार रुपये की गई है।
ताजमहल को शीघ्र खोला जाना चाहिए। साढ़े पांच माह से अधिक समय से सभी फोटोग्राफर खाली बैठे हुए हैं। ताजमहल खुलने पर भी तुरंत पर्यटक नहीं आएंगे, लेकिन एक माहौल बनेगा। पर्यटक यहां आएंगे तो पर्यटन कारोबार पर आश्रित लोगों को काम मिलेगा। अभी तो हर तरफ अंधेरा छाया है।
-ब्रजेश गुप्ता, फोटोग्राफर
ताजमहल खुलने के बाद ही उस पर आश्रित परिवारों के समक्ष खड़ा आर्थिक संकट दूर हो सकेगा। एएसआइ ने कोविड-19 के चलते शारीरिक दूरी के पालन को स्मारकों में ग्रुप फोटोग्राफी पर पाबंदी लगा रखी है। मास्क लगाकर तो पर्यटक फाेटो खिंचवाएंगे नहीं। इससे उबरने में वक्त लगेगा।
-सर्वोत्तम सिंह, अध्यक्ष पुरातत्व स्मारक फोटोग्राफर एसोसिएशन