मोक्षदायिनी एकादशी: गंगा मां के जयकारों से गूंज उठा सोरों, दूर- दूर से पहुंचे श्रद्धालु Agra News
सुबह से लगी रही भीड़ हर राह पर श्रद्धालुओं की भीड़।
आगरा, जेएनएन। रविवार सुबह तड़के से ही सोरों में गंगा मां के जयकारे गूंज उठे। देर रात से ही श्रद्धालुओं का हुजूम यहां पहुंचना शुरू हो गया। ट्रैक्टर एवं अन्य वाहनों से आते हुए श्रद्धालुओं की श्रद्धा देखते ही बनती थी। सुबह तड़के कड़कड़ाती ठंड में हरिपदी गंगा घाट पर स्नान करते हुए श्रद्धालुओं से सोरों भी भक्तिमय हो गया। मंदिरों में भी रविवार को दिन भर भीड़ रही। वहीं बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के चलते मेले में भी रौनक रही।
रविवार को मार्गशीर्ष एकादशी थी। इस दिन राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली के साथ में यूपी के भी श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए आते हैं। गंगा स्नान को लेकर प्रशासन द्वारा भी सोरो में हरिपदी गंगा पर व्यवस्थाएं की गई थी। जगह-जगह पर पुलिस फोर्स तैनात थी। वहीं हरिपदी गंगा में बोट के साथ में गोताखोर भी मुस्तैद रहे। सुबह पांच बजे से ही गंगा स्नान शुरू हो गया। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद में पूजा अर्चना की। कई तो पूरे के पूरे गांव ट्रैक्टर से एकादशी पर स्नान करने के लिए सोरों पहुंचे। गंगा घाटों पर इस दौरान पूजन सामिग्री बिक्री की दुकानों पर भीड़ रही तो एकादशी पर उमडऩे वाली भीड़ के चलते मेले की रौनक भी बढ़ गई। गांव देहात के श्रद्धालु शनिवार देर रात ही पहुंच गए थे, जिससे रात भर मेले में भीड़ रही।
पंचकोसीय परिक्रमा का शुभारंभ
एकादशी पर गंगा स्नान के साथ ही सोरों की पंचकोसीय परिक्रमा भी शुरू हो गई। कासगंज से भी बड़ी संख्या में महिलाएं यहां पर परिक्रमा लगाने के लिए पहुंची। पंचकोसीय परिक्रमा का विशेष महत्व माना जाता है। करीब चार से पांच घंटे में पूर्ण होने वाली यह परिक्रमा वर्ष में एक बार ही लगाई जाती है। बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी इसका हिस्सा बनते हैं। मार्ग में जगह-जगह पर संस्थाओं ने श्रद्धालुओं के लिए चाय एवं दूध की व्यवस्था की।
ट्रेनों में रही खासी भीड़
इस एकादशी को मोक्षदायिनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन बसों के साथ में ट्रेनों में भी खासी भीड़ रही। स्टेशन पर दिन पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। ट्रेनों के आते ही चढऩे के लिए श्रद्धालुओं में आपा-धापी मच जाती। मेले को देखते हुए स्टेशन पर जीआरपी ने अतिरिक्त पुलिस फोर्स की व्यवस्था की है। ट्रेनों के दरवाजों पर भी बैठ कर यात्रियों ने सफर किया।