Life Style: बदल गया है ट्रेंड, Mobile बना बाजार, दुकान से नहीं घर में बैठे बैठे होती है शॉपिंग
पिछले पांच सालों में ऑनलाइन बिजनेस का बाजार आगरा में कई गुना बढ़ चुका है।
आगरा, जागरण संवाददाता। ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है। कपड़ों से लेकर मोबाइल और दवाओं से लेकर इलेक्ट्रॉनिक आयटम तक ऑनलाइन ही खरीदे जा रहे हैं। एक छत के नीचे सब कुछ बिकता है वाली सोच युवाओं को काफी पसंद आ रही है। यही वजह है कि पिछले पांच सालों में ऑनलाइन बिजनेस का बाजार आगरा में कई गुना बढ़ चुका है।
कम समय के साथ है आराम
ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले युवाओं को सबसे ज्यादा पसंद आराम है। घर पर बिस्तर पर लेटकर आराम से वे अपनी पसंद का सामान ढूंढते हैं। ऑर्डर करते हैं और सामान घर आ जाता है। न घर से निकलकर भीड़ में जाने की परेशानी और न ही समय बर्बादी का डर। इन दोनों के अलावा एक जरूरी कारण है डिस्काउंट। ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइटों पर भारी छूट मिलती है। दीपावली, गणतंत्र दिवस आदि पर इन वेबसाइटों पर 70 प्रतिशत तक की छूट मिलती है। ऑनलाइन शॉपिंग की दीवानी कशिश बताती हैं कि दुकान पर जाकर शॉपिंग करना अब आउटडेटेड है। मैं तो खाली समय मिलते ही कुछ न कुछ मोबाइल पर ही खरीद लेती हूं।
स्मार्टफोन बन गया है बाजार
ईमार्केटर डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल मार्केटिंग फर्म रिगालिक्स द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि 83 फीसदी युवा स्मार्टफोन से ऑनलाइन खुदरा खरीदारी करते हैं। इसी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि 28 फीसदी युवा हर सप्ताह शॉपिंग करते हैं।
आगरा में 15 से ज्यादा हैं वेयर हाउस
अमेजॉन, फ्लिपकार्ट और मिंत्रा जैसी वेबसाइट्स के आगरा में 15 से ज्यादा वेयर हाउस यानी गोदाम हैं। माल यहीं आता है और फिर डिलीवरी होती है। पदम प्लाजा स्थित मिंत्रा वेयर हाउस के नवीन ने बताया कि उनके यहां हर रोज कपड़ों, जूते, घडिय़ों के 300 से ज्यादा पैकेट आते हैं। यही हाल आवास विकास के फ्लिपकार्ट वेयरहाउस का है। यहां काम करने वाले गौरव ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक आयटम ज्यादा आते हैं। टीवी, एसी और फ्रिज तक अब लोग ऑनलाइन खरीद रहे हैं। इसके अलावा जयपुर हाउस,नेशनल हाइवे मानस नगर आदि में भी वेयर हाउस हैं।
खुदरा व्यापारियों को हो रहा नुकसान
इसका कारोबार इतना ज्यादा बढ़ गया है कि पिछली दीपावली पर शहर के व्यापारियों ने ऑनलाइन शॉपिंग से होने वाले नुकसान का आंकड़ा सबके सामने रखा था। इस आंकड़े के अनुसार केवल दीपावली पर ही 300 करोड़ रुपये का नुकसान आगरा के व्यापारियों को उठाना पड़ा था। हर रोज लाखों रुपये का सामान शहर में ऑनलाइन खरीदा जाता है।
आदत बदल रही बीमारी में
चिकित्सकों के मुताबिक ऑनलाइन शॉपिंग की लत बीमार बना रही है। इस बीमारी का नाम कंपल्सिव बाइंग डिसऑर्डर है। इसमें पेशेंट आवेग में आकर खरीदारी करते हैं। वे स्वयं को तब तक नियंत्रित नहीं कर पाते, जब तक कुछ खरीद नहीं लेते। खरीदारी करने के बाद बेचैनी कम हो जाती है। ऐसे मरीजों का पूरे दिन का बड़ा समय ऑनलाइन साइट्स पर सामान ढूंढने में निकलता है। ऐसा न करने पर बेचैनी होने लगती है। कुछ लोग तो आधी रात में भी उठकर साइट्स पर सामान ढूंढते रहते हैं।