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मैनपुरी मे दुष्कर्म का आरोपी इमाम को एक लाख जुर्माना के साथ उम्रकैद की सजा, पांच महीने में ही मिला बुरे काम का अंजाम

घर पहुंच कर बालिका ने स्वजन को जानकारी दी तो स्वजन ने आरोपित को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। बालिका की हालत गंभीर होने के कारण उसे सैफई में भर्ती कराया गया। एक सप्ताह इलाज के बाद बालिका काे अस्पताल से छुट्टी मिली थी।

By Abhishek SaxenaEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 06:55 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 05:39 PM (IST)
मैनपुरी मे दुष्कर्म का आरोपी इमाम को एक लाख जुर्माना के साथ उम्रकैद की सजा, पांच महीने में ही मिला बुरे काम का अंजाम
दोषी इमाम को आजीवन कारावास और एक लाख रुपया अर्थदंड की सजा सुनाई है।

मैनपुरी, जेएनएन। धर्मग्रंथ की शिक्षा लेने आई आठ वर्ष की मासूम से दुष्कर्म करने वाले 58 वर्ष के इमाम को मैनपुरी की पाक्सो कोर्ट ने उम्र कैद के साथ ही एक लाख जुर्माना की सजा सुनाई है। कोर्ट के पांच माह में आए फैसले पर पीडि़त परिवार ने संतुष्टि जताई है। उम्र कैद की सजा का फैसला आते ही इमाम कोर्ट में रोने लगा।

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मैनपुरी में 8 साल की बच्चे से दुष्कर्म करने वाले इमाम को कोर्ट ने उम्रकैद सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसकी राशि पीडि़ता को दी जाएगी। सजा सुनने के बाद आरोपी कोर्ट में ही रोने लगा।

मैनपुरी के किशनी थाना क्षेत्र में एक मस्जिद के इमाम ने धर्मग्रंथ की शिक्षा लेने आने वाली आठ वर्ष की मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाया। मस्जिद के इमाम को मदरसे में शिक्षा लेने आने वाली आठ वर्षीय मासूम से दुष्कर्म का दोषी पाते हुए कोर्ट ने पांच महीने में उम्र कैद की सजा सुनाई है। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट ने सजा के साथ एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। इमाम को घटना के बाद जेल भेज दिया था। दरिंदे ने हर कोर्ट में भले ही पैरवी की, लेकिन उसको किसी भी कोर्ट से को जमानत नहीं मिली। यहां पर स्पेशल कोर्ट ने इमाम को 5 महीना में सजा सुनाई है, ऐसे में परिवार और पीडि़ता ने संतुष्टि जाहिर की है।

मैनपुरी में यह प्रकरण किशनी थाना क्षेत्र का यह मामला है। यहां के एक गांव में 52 वर्ष के इमाम (हाफिज) जमाल अहमद ने धर्मग्रंथ की पढ़ाई करने आई एक आठ साल की बच्ची को लालच देकर दुष्कर्म किया था। आरोपी इमाम बाराबंकी जिले का रहने वाला है। बाराबंकी के थाना रामनगर क्षेत्र में स्थित गांव सड़ियामऊ निवासी हाफिज जमाल अहमद उर्फ कमल यहां करीब दस वर्ष से रहकर हाफिज का काम करता था। इसके साथ ही साथ मदरसा में बच्चों को पढ़ाता था।

आठ वर्ष की मासूम रोज वहां पढ़ाई करने आती थी। उसने बताया कि मास्टर ने चार बजे बच्चो की छुट्टी कर मुझे और मेरी छोटी बहन को रोक लिया। इसके बाद में मेरी छोटी बहन को मास्टर ने मुंगफली खिलाकर घर भेज दिया। मुझे और पढ़ाने का बहाना बनाकर अलग कमरे में ले गया। वहां उसने दुष्कर्म किया। इसके बाद बच्ची को लहूलुहान देखकर इमाम ने उसे धर्मग्रंथ का वास्ता देना शुरू कर दिया। बच्ची को रोज की तरह पढ़ाई करने आने को कहा, ताकि किसी को शक नहीं हो। बच्ची जब उस स्थिति में घर पहुंची तो परिजन घबरा गए। मासूम ने इमाम की बर्बरता के बारे में बताया तो उन्होंने तुरंत पुलिस को मामले की सूचना दी। पुलिस ने परिवार के लोगों की सूचना के आधार पर बच्ची को तत्काल मेडिकल के लिए भेजा और आरोपी इमाम को गिरफ्तार कर लिया।

एडीजीसी यादव ने ऐसे कृत्य को समाज विरोधी बताते हुए कड़ी सजा की मांग की थी। स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट ने गवाहों और सबूतों को मध्य नजर रखते हुए इमाम को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए एक लाख का जुर्माना लगाया है। अब जुर्माने की राशि पीडि़ता को प्रदान की जाएगी।

इस मुकदमे का निर्णय सुनने के लिए इमाम जमाल अहमद को कोर्ट लाया गया था। जैसे ही उसको उम्र कैद की सजा सुनाई गई वैसे ही वह सदमे में आ गया। सजा सुनते ही इमाम के पैर लडख़ड़ा उठे और वह कोर्ट से बाहर निकलते हैं, घुटनों के बल बैठ कर खूब रोया। इसके बाद पुलिसकर्मी इमाम को कोर्ट से जेल ले गए। अब वह ता उम्र मैनपुरी जेल में ही रहेगा। अभियाेजन पक्ष की ओर से पैरवी एडीजीसी अनूप यादव और विश्वजीत राठौर ने की।


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