लेट लतीफी: महायोजना पर अमल हो तो अंजाम तक पहुंचे सीएम की मंशा Agra News
15 साल पूर्व लागू हुई थी आगरा महायोजना-2021। अब तक महज तीस फीसद योजना पर हुआ काम। वर्ष 2020 में तैयार हो जाएगी महायोजना-2031।
आगरा, अमित दीक्षित। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि अनियोजित तरीके से बसे शहरों को नियोजित कर सीमा विस्तार कर दिया जाए, लेकिन अफसरों की सोच बदले बिना यह संभव नहीं लगता। इसका ताजा उदाहरण है आगरा के लिए बनी महायोजना। 15 साल पूर्व जब महायोजना-2021 लागू हुई तो मंशा अच्छी थी। लेकिन, परवान न चढ़ी और नतीजा रहा कि अवैध कॉलोनियों की संख्या बढ़ती गई। शहर के आकार की जो प्लानिंग की गई थी, वह कागजों में ही दफन होकर रह गई। अब नई महायोजना-2031 तैयार हो रही है।
पहली महायोजना (वर्ष 1980-2001) बनी थी, जिसे वर्ष 1982 में लागू किया गया था। महायोजना पर सिर्फ चालीस फीसद काम हुआ। दूसरी महायोजना (वर्ष 2001-2021) वर्ष 2004 में लागू हुई। एडीए ने पहली महायोजना से कोई सबक नहीं लिया। दूसरी महायोजना में विकास कार्यो की रफ्तार धीमी रही। अब तीसरी महायोजना (वर्ष 2021-2031) पर काम चल रहा है।
परिसीमन से थी आस, कुछ मिला खास
दशक भर पूर्व परिसीमन हुआ था। परिसीमन से आस थी। शहर का दायरा बढ़ा जरूर लेकिन जिस तरीके से विकास होना चाहिए। वह नहीं हुआ। यह अलग बात है कि पहले के मुकाबले वार्डों को थोड़ा छोटा कर दिया गया। 90 वार्ड से बढ़कर अब यह सौ हो गए हैं।
महायोजना 2021 में यह काम नहीं हुए
- तीन ट्रांसपोर्ट नगर और बस अड्डे का निर्माण नहीं हुआ।
- इनर रिंग रोड के तीनों चरण का काम पूरा नहीं हो सका। (सिर्फ पहले चरण का काम हुआ है।)
- उत्तरी बाइपास का निर्माण नहीं हुआ।
- आइटी हब नहीं बन सका।
- जोनल पार्क का निर्माण (सिर्फ ताजनगरी में बना)
- हाईटेक पार्क का निर्माण नहीं हो सका।
- बाजार स्ट्रीट का विकास नहीं किया गया।
256 हैं अवैध कॉलोनियां
शहर में 256 अवैध कॉलोनियां हैं। 45 फीसद अवैध कॉलोनियों का निर्माण दशक भर में हुआ है। वहीं अगर अवैध निर्माणों की बात की जाए तो आगरा प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। यहां 27 हजार अवैध निर्माण चिन्हित हैं। पहले नंबर पर गोरखपुर है।
- महायोजना-2021 पर काम कराया जा रहा है। इसे लेकर लगातार बैठक की जा रही है।
शुभ्रा सक्सेना, उपाध्यक्ष एडीए
- शहर का दायरा दिनों दिन बढ़ रहा है। विकास कार्यों पर सबसे अधिक ध्यान दिया जा रहा है। हालांकि अवैध कॉलोनियां परेशानी खड़ी कर रही हैं।
एनजी रवि कुमार, डीएम