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Pulwama Terror Attack: नम आंखें और वंदे मातरम की गूंज संग शहीद जीतराम की अस्थियों का विसर्जन

मासूम बेटियां भी आईं मां के साथ, नौ वर्ष पहले भर्ती हुए थे जीतराम। भरतपुर निवासी शहीद के नहीं है कोई पुत्र, छोटे भाई ने निभाईं रस्में।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 12:42 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 12:42 PM (IST)
Pulwama Terror Attack: नम आंखें और वंदे मातरम की गूंज संग शहीद जीतराम की अस्थियों का विसर्जन
Pulwama Terror Attack: नम आंखें और वंदे मातरम की गूंज संग शहीद जीतराम की अस्थियों का विसर्जन

आगरा, जेएनएन। यूं तो वराह भगवान की पवित्र नगरी सोरों में हर रोज अस्थि विसर्जन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं, लेकिन बुधवार का दिन खास था। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद वीर जवान जीतराम की अस्थियों के यहां आने की जानकारी मिलते ही सोरों के दर्जनों लोग अमर शहीद को श्रद्धांजलि देेने उमड़ पड़े। तिरंगे के साथ पहुंचे युवाओं ने अमर शहीद... के नारों से वराह घाट को गुंजा दिया।

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बुधवार को राजस्थान के भरतपुर जिले की नगर तहसील के गांव सुंदरावली निवासी शहीद जीतराम के परिजन अस्थियों को लेकर कासगंज के सोरों आए। जीतराम नौ वर्ष पहले सेना में भर्ती हुए थे तथा पुलवामा में 14 फरवरी को हुए हमले में शहीद हो गए। शहीद के छोटे भाई विक्रम सिंह ने अस्थि विसर्जन से पहले पूजन किया। इस दौरान गंगा भक्त समिति सहित सोरों के लोग बड़ी संख्या में यहां पहुंच गए। नम आंखों के साथ शहीदों को श्रद्धांजलि दी तो अमर शहीद के जयकारों से घाट गूंज उठा। वहीं गमगीन परिजनों को देख आतंकवाद के खिलाफ लोगों के चेहरों पर गुस्सा धधक रहा था। जीतराम के परिजनों के साथ में चाचा सीताराम, दाताराम, रघुवीर, परमलाल तथा बहन श्यामा देवी भी आए थे।

मासूम बेटियां थीं मां की गोद में

अस्थि विसर्जन के लिए जीतराम की पत्नी सुंदरी भी अपनी दोनों बेटियों के साथ आई थी। तीन वर्ष पहले सुंदरी से जीतराम की शादी हुई थी। बड़ी बेटी सुमन डेढ़ वर्ष की है तो छोटी बेटी चार माह की इच्छा। 12 फरवरी को ही एक महीने की छुट्टियां पत्नी एवं बच्चों के साथ बिता कर जीतराम विदा हुआ था। बेटियों को तो यह भी नहीं पता था जिन पिता की गोदी में वह खेली थी, अब वह इस दुनियां में नहीं।

सेना में जाने का लिया विक्रम ने संकल्प

छोटा भाई विक्रम इंटर में पढ़ रहा है। विक्रम ने कहा भाई का सपना था कि मैं भी सेना में जाऊं। मैं अपने भाई की इच्छा को पूर्ण करने के लिए सेना की तैयारी कर रहा हूं। मैं भी देश की सेवा के लिए सेना में भर्ती होऊंगा तथा दुश्मनों से बदला लूंगा। 


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