Side Effect of CoronaVirus: बंद हुए काम तो दूसरे किए इंतजाम, पढ़ें आगरा पर्यटन से जुड़े लोगों ने कैसे तलाशे नये रास्ते
Side Effect of CoronaVirus कोरोना को एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बावजूद नहीं बदले हाल। पर्यटन कारोबार से जुड़े कई लोगों ने बदल दिए हैं अपने काम। कोरोना से पूर्व पर्यटन कारोबार का टर्नओवर वार्षिक करीब पांच हजार करोड़ रुपये का था।
आगरा, जागरण संवाददाता।
केस वन
विमल कुमार फतेहाबाद रोड पर दो दशकों से लोनली टी सेंटर का संचालन करते थे। कोरोना काल से पूर्व उनके यहां भारतीय मसाले, चाय हैंडीक्राफ्ट्स और किताबें मिलती थीं। विदेशी पर्यटकों की भीड़ रहती थी। कोरोना काल में काम बंद हुआ तो उन्होंने टी सेंटर को डेली नीड्स की शाप में बदल दिया। मसाले लोगों में बांट दिए।
केस दो
शकील चौहान डिपार्टमेंट आफ टूरिज्म के गाइड हैं। कोरोना काल से पूर्व आप ताजमहल समेत अन्य पर्यटकों में विदेशी पर्यटकों को भ्रमण कराया करते थे। कोरोना काल में एक वर्ष से अधिक समय से काम नहीं मिलने पर जीविकोपार्जन को टिफिन सर्विस का काम उन्होंने शुरू किया है। कहते हैं बच्चे पालने को कुछ काम तो करना ही होगा।
उक्त दो केस तो केवल उदाहरण ही हैं। ऐसे अनगनित लोग हैं, जो कोरोना काल में अपना काम-धंधा बदलने पर मजबूर हुए हैं।कोरोना काल को एक वर्ष से अधिक हो चुके हैं, लेकिन कई क्षेत्र अभी भी इससे उबर नहीं सके हैं। पर्यटन जगत इनमें से ही एक है। यह क्षेत्र मंदी से निरंतर जूझ रहा है। ऐसे में कई लोगों को अपना व्यवसाय ही बदलना पड़ा है। कई होटल, एंपोरियम, रेस्टोरेंट, ट्रैवल एजेंसी पर लाक डाउन होने पर लगे ताले अब तक नहीं खुल सके हैं। इसकी वजह एंपोरियम, होटल खोलने पर मुनाफा कम और नुकसान अधिक होना है। पर्यटकों व ग्राहकों के अभाव में संचालक उन्हें बंद रखने में ही भला समझ रहे हैं। मजबूरी में कई लोगों ने रोजगार ही बदल दिया है।
कारोबार पर कोरोना का असर: एक नजर
-कोरोना से पूर्व पर्यटन कारोबार का टर्नओवर वार्षिक करीब पांच हजार करोड़ रुपये का था। कोरोना काल में यह घटकर करीब 500 करोड़ रुपये ही रह गया।
-ट्रेड से करीब चार लाख लोग जुड़े है, जिनमें से वर्तमान में करीब तीन लाख लाेग आज भी प्रभावित हैं। 75 फीसद लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं।
-हैंडीक्राफ्ट का कारोबार करीब 2500 करोड़ रुपये का है। इंटरनेशनल फ्लाइट व टूरिस्ट वीजा सर्विस पर रोक के चलते करीब 1800 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है।
-अधिकांश हैंडीक्राफ्ट स्टोर बंद हैं। हैंडीक्राफ्ट कारोबार पर निर्भर 70 हजार लोगों में से आधे खाली हाथ बैठे हैं।
-ट्रैवल एजेंसियाें की टैक्सी बिक चुकी हैं। गाइड, फोटोग्राफर, ड्र्राइवर सभी खाली बैठे हैं।
वर्ष 2020 में छह माह से अधिक समय तक ताजमहल बंद रहा था। होटल केवल शादियों के सहारे चले, लेकिन उसमें लोगों की संख्या सीमित रही। सरकार की तरफ से पर्यटन उद्योग को कोई राहत नहीं दी गई। करीब 75 फीसद लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ी हैं।
-राजीव सक्सेना, उपाध्यक्ष टूरिज्म गिल्ड आफ आगरा
हैंडीक्राफ्ट्स कारोबार में केवल निर्यात कारोबार चल रहा है। एंपोरियम अभी भी सभी बंद हैं। स्मारकों के पास के शोरूम ही थोड़ा-बहुत चल रहे हैं। विदेशी पर्यटक तो आ नहीं रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र, गुजरात व दक्षिण भारतीय राज्यों से भी पर्यटक नहीं आ रहे हैं।
-प्रहलाद अग्रवाल, अध्यक्ष आगरा टूरिस्ट वेलफेयर चैंबर