अन्नपूर्णा की थाली में स्वावलंबन के पकवान, महिलाओं ने यूं लिखी सफलता की कहानी Agra News
पाक कला के दम पर देश में बहुत सी महिलाओं ने लिखी सफलता और समृद्धि की कहानी। ताजनगरी में भी ऐसे फूड ज्वाइंट्स जहां सिर्फ महिलाएं ही करती हैं काम।
आगरा, प्रभजोत कौर। शहर में ऐसी कई महिलाएं हैं, जो खाना बनाने के अपने हुनर को रोजगार के रूप में स्थापित कर चुकी हैं। बात सिर्फ इतनी सी नहीं है, इन महिलाओं ने अपने रोजगार में कई उन हाथों को भी भागीदार बनाया है जो अपने परिवार के एक मजबूत कंधे के रूप में खड़ी हैं। अपने फूड ज्वाइंट्स में इन महिलाओं ने अपने अगुवाई में अपना पूरा स्टाफ भी महिलाओं का ही रखा है।
लजीज व्यंजनों की खुशबू से तर शहर की कुछ महिलाओं की कहानियां जरा हटके हैं। घर की रसोई में महिलाओं की छवि से हटकर इन्होंने छोड़ा ऊंचा सोचा तो गजब का जायका निकल आया। इन्होंने स्वाद के साथ स्वास्थ्य को भी तरजीह देते हुए सेहत की थाली सजाई तो स्वावलंबन का पकवान तैयार हो गया। लोगों की जबान पर इनका स्वाद चढ़ा, तो इन्होंने समृद्धि के रस से सराबोर सफलता का स्वाद चखा।
घर के बाहर भी घर का खाना
संजय प्लेस में रेस्टोरेंट नुक्कड़ कई मायनों में खास हैं। दो साल पहले भावना क्वात्रा ने अपने पति ब्रजेश के साथ इसकी शुरुआत की थी। आज यहां पांच से ज्यादा महिलाएं ही काम कर रही हैं। भावना खाना तैयार करती हैं तो उनका महिला स्टाफ उनकी मदद करता है। यहां सिर्फ घर का खाना मिलता है। सुबह नौ से शाम के 5.30 बजे तक कम घी-तेल का खाना मिलता है। यहां पूरे संजय प्लेस में काम करने वाले पराठे और भोजन थाली खाने आते हैं। 60 से 160 रुपये की थाली है और पराठों की शुरुआत 20 रुपये से होती है। यहां मिलने वाली बाजरे की टिक्की काफी प्रसिद्ध है।
बड़ी दीदी प्यार से खिलाती हैं खाना
आवास विकास के सेक्टर 12 में सोनिया मनकलता ने बड़ी दीदी के नाम से अपना काम शुरू किया है। यहां की खासियत मुंबई का बड़ा-पाव है। सोनिया को रसोई में 24 घंटे घुसे रहना पसंद नहीं था। लेकिन उनके हाथ में स्वाद था। जो भी बनाती थी, उसकी फरमाइश बार-बार होती थी। फिर घरवालों की सलाह पर खाने का बिजनेस शुरू किया। तीन महीने में ही सोनिया कई पार्टियों और जागरण आदि में खाना बनाकर भेज चुकी हैं और अब अपनी बड़ी दीदी फूड ज्वाइंट पर अपनी महिला ब्रिगेड के साथ काम कर रही हैं। इनके फूड ज्वाइंट पर सिर्फ महिलाएं ही काम करती हैं, हर महिला को गुलाबी रंग का एप्रिन दिया गया है।
और भी है कहानियां
भावना और सोनिया के अलावा शहर में कई महिलाएं ऐसी हैं, जो अपने दम पर अन्नपूर्णा के रूप में काम कर रही हैं। संगति बंसल जहां करी पत्ता नाम से इडली और डोसा बैटर बनाकर बेचती हैं, तो नीरव निकुंज में रहने वाली भावना गौतम ने तो घर के खाने को ही अपना बिजनेस बनाया है। बाहर से आकर यहां नौकरी करने वाले उनकी टिफिन सर्विसेज सेवा का फायदा लेते हैं। अब वे अपना रेस्टोरेंट भी शुरू करने वाली हैं। स्पाइस हट नाम से काम कर रही गीता गोस्वामी स्पेशल मसालों के द्वारा शहर की हर रसोई में एंट्री ले रही हैं। प्रियंका जैन ने अपनी परेशानी को दूसरों की भी परेशानी समझा और केक बनाने का सिलसिला शुरू किया। आज वे एगलेस केक के लिए जानी जाती हैं।
विदेशियों को पसंद आ रहा आगरा का अचार
पिछले 24 सालों से फतेहाबाद रोड पर रहने वाली मोनिका भाटिया विदेशियों को भारतीय खाने का स्वाद चखा रही हैं। वे बताती हैं कि यह सफर यूं ही शुरू हुआ था। पारिवारिक मित्र ने सलाह दी कि विदेशियों को भारतीय खाना पसंद होता है, आप यह काम शुरू करो। फिर मांग आई कि विदेशियों को कुकिंग क्लासेज भी दो। इस काम में उनका साथ उनके कई हाथ देते हैं। वे बतातीं हैं कि उनकी सहयोगी आशा तो पिछले 24 सालों से उनके साथ हैं। मोनिका विदेशियों के लिए अचार भी बनाती हैं।