New Year 2019: कान्हा के दर्शन कर रखा 21 वीं सदी के 19 वें साल में पहला कदम
ब्रज के मंदिरों में नहीं मिल रही कदम रखने को भी जगह। आश्रम, होटल और धर्मशालाएं फुल, सड़कों पर ट्रैफिक जाम।
आगरा, जेएनएन। नववर्ष का नया सवेरा आराध्य के दर्शनों के साथ करने की ललक कान्हा की नगरी में देखने को मिली। मंगलवार को यूं तो भोर अन्य दिनों की भांति ही हुई थी लेकिन इस भोर में अंतराल था पूरे 12 माह का। हर माह के हर दिन में ईश्वर की कृपा बनी रहे इसके लिए आस्थावान लोगों ने ब्रज की रज को माथे से लगाया। नये वर्ष की पूर्व संध्या पर जहां हजारों श्रद्धालुओं ने ठाकुर जी के दर्शन किये वहीं नववर्ष की सुबह से मंदिरों में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा।
मंगलवार को नववर्ष के मौके पर मथुरा में द्वारिकाधीश मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी। सुबह साढ़े 6:30 बजे मंगला दर्शन, 7:40 बजे श्रंगार, 8:40 से ग्वाल और दस बजे राजभोग के दर्शन भक्तों ने किये। मंदिर के पुजारी एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी के अनुसार उप्र के अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से भक्त अपने कान्हा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है यह श्रद्धा का यह सैलाब अभी और उमड़ेगा।
चला परिक्रमा, दर्शन और प्रसाद का सिलसिला
नए साल का आगाज अपने आराध्य ठा. बांकेबिहारी जी के दरबार से करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। नववर्ष से एक दिन पूर्व वृंदावन में सुबह पंचकोसीय परिक्रमा में बनी मानव श्रृंखला बनी रही। सुबह बांकेबिहारी मंदिर के पट खुले तो हजारों श्रद्धालुओं का हुजूम मंदिर में प्रवेश कर गया।
नववर्ष के अवसर पर बांकेबिहारी मंदिर में सोमवार को अलग व्यवस्था की गई। वन-वे रूट से श्रद्धालुओं को प्रवेश मिला तो गेट संख्या चार पर भक्तों को निकालने के लिए सुरक्षा गार्ड तैनात रहे। इसी तरह भीड़ इस्कॉन मंदिर, प्रेम मंदिर में भी टूट पड़ी। प्रेम मंदिर की नक्काशी और शाम को रंगीन रोशनी श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रही थी। प्राचीन सप्त देवालयों के अलावा रंगजी मंदिर, कात्यायनी मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने पूजा कर गुजरते साल को विदाई दी।
दिल्ली, एनसीआर से आ रहे श्रद्धालु अपने साथ लड्डू गोपाल को भी बांकेबिहारी के दर्शन कराने लाए।
श्रद्धालुओं की संख्या के आगे सभी आश्रम, धर्मशालाएं और होटल फुल हो चुके हैं। लोग कमरा तलाशने के लिए इधर-उधर भटकते रहे। वहीं वृंदावन की सड़कों पर दिनभर ट्रैफिक जाम की स्थिति भी रही।