आगरा में मणप्पुरम गोल्ड लोन डकैती में मारा गया मनीष, बनना चाहता था पुलिस में दारोगा
वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश पुलिस में दारोगा भर्ती में हो गया था चयनित। हत्या के मुकदमे में नामजद होने के चलते नहीं लग सकी थी नौकरी। घर से शनिवार की सुबह मेरठ काम से जाने की कहकर निकला था। आगरा आकर दिया वारदात को अंजाम।
आगरा, जागरण संवाददाता। मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी से 19 किलो सोने के जेवरात लूटने पर पुलिस मुठभेड़ में मारा गया मनीष पांडेय आठ साल पहले दारोगा की वर्दी पहनने से रह गया था। मध्य प्रदेश पुलिस में दारोगा भर्ती में चयनित होने के बाद फीरोजाबाद के थाना उत्तर में वह हत्या के मुकदमे में नामजद होने पर जेल चला गया था। इसके चलते भर्ती होने के बाद भी उसकी नौकरी नहीं लग सकी। शनिवार की सुबह वह घर से मेरठ काम के सिलसिले में जाने की कहकर निकला था। परिवार के लोगों को उसके डकैती डालने व मुठभेड़ में मारे जाने का पता इंटरनेट मीडिया में वायरल हुई खबरों से चला था।
फीरोजाबाद के थाना उत्तर के जैन नगर का रहने वाला मनीष पांडेय और उसका साथी निर्दोष ने साथियों के साथ शनिवार को कमला नगर में मणप्पुरम गोल्ड लोन की शाखा से 19 किलोग्राम सोना और छह लाख रुपये लूटे थे। वारदात के बाद भागते दोनों बदमाशों को पुलिस ने एत्मादपुर में खंदौली चौराहे के पास मुठभेड़ में मार गिराया था। मनीष पांडेय के पिता शिव शंकर ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी रात करीब दस बजे खबरों के माध्यम से हुई। पिता और भाई आशीष रविवार की सुबह आगरा पोस्टमार्टम गृह पर पहुंचे। पिता ने बताया कि मनीष पांडेय दसवीं से लेकर बीएससी तक प्रथम श्रेणी में पास हुआ था।
मेधावी होने के चलते वर्ष 2013-14 में उसने मध्य प्रदेश पुलिस में दाराेगा भर्ती की परीक्षा दी। जिसमें उसका चयन हो गया था। मगर, कुछ महीने बाद ही उसे रंजिश के तहत हत्या के मुकदमे में नामजद कर दिया गया। उसे तीन महीने के लिए जेल जाना पड़ा। जिससे वह दारोगा की वर्दी नहीं पहन सका। पिता ने बताया कि मनीष पांडेय कई साल से लखनऊ में एक आउट सोर्स कंपनी में काम कर रहा था। कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप के चलते वह घर आ गया था। तब से घर पर ही था। दूसरी जगह नौकरी तलाश रहा था।
पिता ने शिवशंकर ने बताया कि मनीष शनिवार की सुबह करीब छह बजे घर से निकला था। उसने परिवार से दोस्त के साथ मेरठ काम के सिलसिले में जाने की बताया था। उन्हें नहीं मालूम था कि बेटा बदमाशों के संपर्क में कब और कैसे आ गया। जिस बदमाश नरेंद्र उर्फ लाला का साथी उसे बताया जा रहा है, वह उसे भी नहीं जानते। रात करीब दस बजे उन्हें बेटे के डकैती डालकर साेना लूटने और मुठभेड़ में मारे जाने का पता चला।
तीन साल पहले हुई थी शादी
पिता शिव शंकर ने बताया कि मनीष की शादी तीन साल पहले रितु से हुई थी। उसके दो साल की एक बेटी है। उसने पत्नी को भी अपने मेरठ जाने की बताया था।