बदलते मौसम ने बदल दिए बीमारियों के तेवर, डेंगू से ज्यादा घातक हो गया मलेरिया Agra News
मौसम के बदले मिजाज संग एच1एन1 और डेंगू वायरस का स्ट्रेन बदला। डेंगू से ज्यादा घातक रहा मलेरिया। डेंगू के केस हुए अब कम।
आगरा, जागरण संवाददाता। बदलते मौसम में मलेरिया और वायरल के केस ज्यादा आ रहे हैं। अच्छी बात ये रही कि स्वाइन फ्लू (एच1एन1) और डेंगू का वायरस कमजोर हुआ है। सामान्य दवाओं से मरीज ठीक हो गए। स्वाइन फ्लू और डेंगू के अधिकांश केस में मरीज भर्ती नहीं करने पड़े हैं। हालांकि इस बदलते मौसम में अब मलेरिया, डेंगू से भी ज्यादा घातक साबित हो रहा है।
पिछले तीन महीने से मौसम का मिजाज तीन से चार दिन में बदलता रहा। कभी बारिश तो उसके तुरंत बाद तेज धूप निकली। उमस बढऩे के बाद बारिश हुई। इससे स्वाइन फ्लू और डेंगू का वायरस ज्यादा नहीं पनप पाया। दोनों बीमारियों को फैलाने वाला वायरस का स्ट्रेन भी कमजोर रहा है। इसके उलट सामान्य वायरल बुखार का संक्रमण ज्यादा हुआ। बुखार के 80 फीसद मरीज संक्रमित हुए। कुछ मरीजों को 15 से 20 दिन के अंतराल पर डबल वायरल संक्रमण हुआ। इस कारण उन्हें भर्ती कराया गया। इस बार मलेरिया भी घातक है, फेल्सीफेरम मलेरिया में तेज बुखार के साथ मरीज बेहोश हो रहे हैं।
यह रही स्थिति
मलेरिया के केस
2018 - 52
2019 - 45
डेंगू के केस
2018 - 39
2019 - 8
चिकनगुनिया के केस
2018 - 4
2019 - कोई मामला रिपोर्ट नहीं हुआ
स्वाइन फ्लू के केस
2018 - 5
2019 - 227
स्वाइन फ्लू के लक्षण
ए - मामूली खांसी-जुकाम बुखार
बी 1 - तेज बुखार, सर्दी जुकाम
बी 2 - खांसी जुकाम और तेज बुखार
सी - सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार, लिवर में समस्या। अन्य अंग भी ठीक से काम नहीं करते।
विशेषज्ञ राय
वायरल और मलेरिया के साथ स्वाइन फ्लू व डेंगू के मरीजों को जिला अस्पताल और एसएन में उपचार दिया गया। जिन मरीजों की स्थिति ज्यादा खराब थी, उन्हें भर्ती किया गया। बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए गए।
डॉ. एके मित्तल, अपर महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण