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Happy Sankranti: मकर संक्रांति पर सुबह से शुरू हुआ दान-पुण्‍य का सिलसिला Agra News

मंदिरों में पूजा-अर्चना के बाद जगह-जगह हो रहा खिचड़ी वितरण। बाजार रहे गुलजार कंबल की भी हुई जमकर खरीदारी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 08:23 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 08:23 AM (IST)
Happy Sankranti: मकर संक्रांति पर सुबह से शुरू हुआ दान-पुण्‍य का सिलसिला Agra News
Happy Sankranti: मकर संक्रांति पर सुबह से शुरू हुआ दान-पुण्‍य का सिलसिला Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। आस्‍था का प्रमुख पर्व बुधवार को मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति के लिए मंदिरों के साथ घरों में सुबह से ही पूजा-पाठ और दान शुरू हो चुका है। कंबल, चावल, मूंगफली, गजक, रेवड़ी प्रसाद और दान में दी जा रही हैं। कई जगह लोग भण्‍डारे आयोजित कर रहे हैं, इसमें खिचड़ी का वितरण किया जा रहा है। इससे पहले मंदिरों और गरीबों को दान देने के लिए मंगलवार को खरीदारी चली। दुकानों पर सामान खरीदने वालों की भीड़ ने बाजारों को गुलजार रखा। वहीं मौसम की करवट ने पतंग उड़ाने वालों के लिए दिक्कत खड़ी कर दी है। कोहरा और शीतलहर के चलते पतंग के शौकीन कुछ मायूस नजर आ रहे हैं।

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मकर संक्रांति पर स्नान-दान का काफी महत्व है। मान्यता है कि इस दिन किए गए दान से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसीलिए संक्रांति पर लोग गरीबों और मंदिरों में दान करते हैं। मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इसी दिन सूर्य उत्तरायण में हो जाता है। इसके बाद से ही शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। संक्रांति के लिए मंदिरों में भी विशेष व्यवस्था की गई है। लंगड़े की चौकी स्थित हनुमान मंदिर के महंत गोपी गुरु ने बताया कि संक्रांति पर मंदिर में पूरा दिन भंडारे चलेंगे। खिचड़ी बांटने की मान्यता है, इसीलिए भंडारे में खिचड़ी का ही वितरण कराया जा रहा है।

थोक बाजारों में बिके कंबल

संक्रांति पर दान के लिए लोग गर्म कपड़े लेते हैं। इसीलिए बाजारों में हर रेंज के कंबल मिल रहे हैं। दरेसी स्थित थोक बाजार में 200 रुपये किलो कंबल मिल रहे हैैं तो 100 रुपये के फुलालेन के कंबल भी उपलब्ध रही। यही स्थिति राजामंडी, बिजलीघर, बोदला, बल्केश्वर आदि बाजारों की हैं। यहां दुकानों पर कंबल के बंडल बनाकर रखे हुए हैं। पांच से लेकर 50 कंबल के बंडल दुकानों पर बिके। मंगलवार को पूरा दिन बाजारों में खरीदारी का दौर चला।

खिचड़ी के लिए पैकेट में बिके चावल

मकर संक्रांति को खिचड़ी उत्सव भी कहा जाता है। इस दिन भंडारों में और घरों में शगुन के लिए खिचड़ी बनाने की मान्यता है। इसी मान्यता को बाजार ने भुनाया और लोगों को सहूलियत के लिए खिचड़ी के लिए कच्चे चावल और दालों के मिश्रण के पैकेट बनाकर बेचे। 250 ग्राम से लेकर पांच किलो तक के पैकेट लोगों ने खरीदे।

मूंगफली और गजक भी खूब बिकी

संक्रांति पर मूंगफली और गजक की भी खरीदारी खूब हुई। 120 रुपये किलो के हिसाब से मूंगफली बिकी तो 250 रुपये किलो गजक का रेट रहा।

पतंगों के लिए भारी रहा मौसम

सोमवार की रात शुरू हुई बरसात ने संक्रांति पर उडऩे वाली पतंगों की उड़ान पर रोक लगा दी। शहर में कुछ स्थानों पर पतंग उत्सव भी हुए, लेकिन ठंड और हवाओं के कारण सिर्फ शगुन ही हो पाया।

कुछ ने 14 को भी मनाई संक्रांति

तिथियों के अनुसार आज होने वाली मकर संक्रांति को कई लोगों ने 14 जनवरी को ही मना लिया। उसी तरह घरों में शगुन के पकवान बने। मंदिरों और गरीबों को दान किया गया। कई जगह खिचड़ी के भंडारे भी हुए। हालांकि ज्योतिषियों के अनुसार मकर संक्रांति 14 जनवरी की रात में शुरू हुई है। 


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