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Agra Darshan: करना होगी अभी और आगरा दर्शन का इंतजार, अटके पड़ें हैं इस वजह से हेलीपोर्ट के काम

Agra Darshan पर्यटन विभाग ने रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार कराकर लखनऊ भेजा है जिस पर स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 04:09 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 04:09 PM (IST)
Agra Darshan: करना होगी अभी और आगरा दर्शन का इंतजार, अटके पड़ें हैं इस वजह से हेलीपोर्ट के काम
Agra Darshan: करना होगी अभी और आगरा दर्शन का इंतजार, अटके पड़ें हैं इस वजह से हेलीपोर्ट के काम

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में हेलीकॉप्टर से 'आगरा दर्शन' के सैलानियों के ख्वाब को पूरा होने में अभी वक्त लगेगा। योजना में काम बढऩे से लागत बढऩा तय है। इसके लिए पर्यटन विभाग ने रिवाइज्ड एस्टीमेट तैयार कराकर लखनऊ भेजा है, जिस पर स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है। वहीं, हवाई सेवा के संचालन को कंपनी का चयन भी अभी नहीं हो सका है।

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आगरा में पर्यटकों को हेलीकॉप्टर द्वारा 'आगरा दर्शन' कराने की योजना है। नौ जनवरी, 2019 को कोठी मीना बाजार मैदान में हुई रैली में जिन योजनाओं का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, उनमें हेलीपोर्ट भी शामिल था। इनर रिंग रोड और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के बीच मदरा में हेलीपोर्ट बनाया जा रहा है। पांच एकड़ क्षेत्रफल में 4.95 करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत वाली योजना में करीब 65 फीसद काम हो चुका है। लोक निर्माण विभाग का प्रांतीय खंड यह काम कर रहा है। उप्र एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इसके लिए जगह उपलब्ध कराई थी, वहीं किसान से 200 वर्ग गज जमीन ली गई। स्वीकृत काम अक्टूबर-नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है, लेकिन प्रोजेक्ट तब भी पूरा नहीं हो सकेगा। दरअसल, योजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय द्वारा तैयार की गई थी। स्थानीय स्तर पर उसमें फायर फाइटिंग सिस्टम अप-टू-डेट नहीं थे। इसके चलते प्रोजेक्ट की लागत बढ़कर करीब 7.9 करोड़ तक पहुंच गई है। इसका रिवाइज्ड एस्टीमेट प्रस्ताव पर्यटन विभाग ने लखनऊ भेजा हुआ है, जिस पर स्वीकृति मिलने का इंतजार किया जा रहा है।

यह है योजना

-करीब पांच एकड़ जमीन में विकसित किया जा रहा है हेलीपोर्ट।

-एक हेलीपैड बनाया जा रहा है।

-हेलीकॉप्टर खड़ा करने को दो हैंगर यहां होंगे।

-यात्री विश्रामगृह, टिकटघर भी होगा।

-स्वीकृत बजट के अनुसार करीब 65 फीसद काम हो चुका है।

-4.95 करोड़ रुपये की स्वीकृत हुई थी योजना।

हेलीपोर्ट के लिए पूर्व में लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय द्वारा डीपीआर तैयार कराई गई थी। स्थानीय स्तर पर उसमें फायर फाइटिंग सिस्टम को अप-टू-डेट किया गया है, जिससे कुछ काम काम बढ़े हैं। इसका रिवाइज्ड एस्टीमेट निदेशालय को भेजा है, जिसकी स्वीकृति का इंतजार है। हेलीपोर्ट का संचालन पर्यटन निगम द्वारा चुनी गई कंपनी करेगी। अभी किसी का चयन नहीं हुआ है।

-अमित, उपनिदेशक पर्यटन 


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