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Lockdown Violation Case: UP कांग्रेस अध्यक्ष अदालत में नहीं हुए पेश, तीन अगस्त तक मिली राहत

Lockdown Violation Case अधिवक्ता के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने तीन अगस्त तक बढ़ाने के दिए आदेश। लॉकडाउन उल्लघंन का फतेहपुर सीकरी थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 04:53 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 04:53 PM (IST)
Lockdown Violation Case: UP कांग्रेस अध्यक्ष अदालत में नहीं हुए पेश, तीन अगस्त तक मिली राहत
Lockdown Violation Case: UP कांग्रेस अध्यक्ष अदालत में नहीं हुए पेश, तीन अगस्त तक मिली राहत

आगरा, जागरण संवाददाता। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पूर्व विधायक प्रदीप माथुर, पूर्व एलएलसी विवेक बंसल गुरुवार को अदालत में पेश नहीं हुए।तीनों नेताओं के खिलाफ फतेहपुर सीकरी थाने में लॉकडाउन उल्ल्घंन और महामारी एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था। कांग्रेसी नेताओं की ओर से उनके अधिवक्ता के प्रार्थना पत्र पर विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट ने तीनों आरोपितों की जमानत तीन अगस्त तक बढ़ाने के आदेश दिए।

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थाना फतेहपुर सीकरी थाने में 19 मई को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पूर्व विधायक प्रदीप माथुर, पूर्व एमएलसी विवेक बंसल और पांच-छह अज्ञात कांग्रेसियों के खिलाफ महामारी एक्ट और लॉकडाउन उल्लघंन का मुकदमा पुलिस ने दर्ज किया था। कांग्रेस महासचिव ने प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा मई में प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए बसों को भेजने का प्रस्ताव दिया गया था। इसके चलते 19 मई को राजस्थान से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पूर्व विधायक प्रदीप माथुर और पूर्व एमएलसी विवेक बंसल समेत अन्य कांग्रेसी नेता फतेहपुर सीकरी में भरतपुर सीमा पर पहुंचे थे। इसे लेकर कांग्रेसियों की पुलिस अधिकारियों से तकरार हो गयी थी। पुलिस ने भरतपुर सीमा से बसों को जबरन प्रवेश कराने का आरोप लगाया था।

पुलिस ने 20 मई को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व विधायक और पूर्व एमएलसी को अदालत में प्रस्तुत किया था। अदालत ने उन्हें 16 जुलाई तक के लिए अंतरिम जमानत स्वीकृत की गयी थी। अदालत ने तीनों आरोपितों को 16 जुलाई को अदालत में हाजिर होने के अादेश दिए थे। आरोपितों के हाजिर नहीं होने पर उनके अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा और रामदत्त दिवाकर द्वारा गुरुवार को अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। जिसमें अदालत के आरोपियों से संबंधित मामले की सुनवाई का अधिकार विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट को होने का हवाला दिया गया। आरोपितों के अधिवक्ताओं ने उनकी अनुपस्थिति के बाबत विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।इस पर विशेष न्यायाधीश ने आरोपितों की तरफ से प्रस्तुत प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर आरोपितों की जमानत तीन अगस्त तक बढ़ाने के आदेश दिए। 


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