Lockdown 4: हरिपदी गंगा में अस्थि विसर्जन शुरू होने के साथ पहुंचने लगे श्रद्धालु, माननी होंगी ये शर्तें
अपर मुख्य सचिव ने मंगलवार को जारी किया था आदेश। गढ़ मुक्तेश्वर के लिए भी आदेश स्वास्थ्य परीक्षण जरूरी।
आगरा, जेएनएन। सोरों में अब राजस्थान के यात्री अस्थि विसर्जन कर सकेंगे। अब तक लॉकडाउन में धार्मिक कार्यक्रम बंद होने के चलते अस्थि विसर्जन पर पाबंदी थी। कई दिन से सोरों के पुरोहितों द्वारा मांग उठाई जा रही थी। बीते दिनों भाजपा नेताओं ने भी इसमें पैरवी की थी। आदेश के बाद से बुधवार सुबह ही लोग यहां पहुंचने शुरू हो गए।
लॉकडाउन 4 में दुकानों को खोलने की छूट मिलने के बाद पुरोहितों ने भी अस्थि विसर्जन की अनुमति देने की मांग की थी। राजस्थान से आने वाले श्रद्धालु भी परेशान थे। ई पास के जरिए जो श्रद्धालु आते भी थे वह कछला या लहरा घाट पर अस्थि विसर्जन कर रहे थे। पुरोहितों की मांग पर भाजपा जिलाध्यक्ष केपी सिंह ने जिला प्रशासन से वार्ता की थी। वहीं उन्होंने इसे धर्म नहीं कर्मकांड से जुड़ा बताते हुए सरकार में पैरवी की थी। इस मामले में अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए कहा है कि राजस्थान के जिस जिले से आएंगे यात्री, वहां के प्रशासन द्वारा सोरों कासगंज डीएम के यहां ई पास के लिए ई पास हेतु आवेदन किया जाएगा। आने वाले व्यक्तियों के नाम एवं यात्रा तिथि रहेगी। यात्री को पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराना होगा।
राजस्थान से बड़ी संख्या में आते हैं श्रद्धालु
सोरों के हरिपदी गंगा घाट में अस्थि विसर्जन का विशेष महत्व है। राजस्थान से हर रोज बड़ी संख्या में लोग यहां पर आते हैं। अनुमति न होने पर इन्हेें लहरा एवं अन्य घाटों पर जाना पड़ता था। देर शाम शासन से अनुमति मिलने पर सोरों के पुरोहितों मे भी हर्ष की लहर दौड़ गई।
यह लगाई हैं शर्तें
-हल्के वाहन में चालक के साथ दो व्यक्ति ही होंगे।
-बस में अधिकतम 20 व्यक्ति होंगे।
-एक अस्थि कलश के साथ अधिकतम दो व्यक्ति होंगे।
-अस्थि विसर्जन के अलावा किसी अन्य अनुष्ठान में भाग नहीं लेंगे।
‘शासन ने सिर्फ दो लोगों को अस्थि विसर्जन की अनुमति दी है, किसी अन्य अनुष्ठान में शामिल न होने का प्रतिबंध है। शासन के निर्देशों के अनुरूप ही छूट मिलेगी।’
-चंद्रप्रकाश सिंह
जिलाधिकारी कासगंज