Lockdown 3.0: Yamuna Expressway पर डेढ़ घंटे शव के पास बिलखते रहे मजदूर
हादसे में हुई थी मजदूर की मौत बीमार मजदूर ने ट्रेन में तोड़ा दम। शव भिजवाने के लिए कांग्रेस नेताओं ने की पहल पर जागा प्रशासन।
मथुरा, जेएनएन। यमुना एक्सप्रेस वे पर शनिवार सुबह दिल्ली से बिहार के लिए मोटरसाइकिल से जा रहे एक मजदूर की गिर कर मौत हो गई, करीब डेढ़ घंटे तक उसका शव एक्सप्रेस वे पर पड़ा रहा। वहीं, एक बीमार मजदूर ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सुबह दम तोड़ दिया। शव को ले जाने के लिए मजदूरों के पैसे नहीं थे, तो कांग्रेसी नेताओं ने पहल की। इसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और उनके शव भिजवाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था कराई।
बिहार के शिकारपुर थाना क्षेत्र के गांव मझरिया निवासी सोहेल, पिरा निवासीगण शमशाद और याउलहुक दिल्ली में बेल्डिंग करने का काम करते थे। तीनों मोटरसाइकिल से अपने गांव के लिए एक साथ निकले थे। सुबह करीब साढ़े पांच बजे मोटरसाइकिल यमुना एक्सप्रेस वे के माइल स्टोन 122 पर टकरा गई। यालहुक के गंभीर चोट लगने उसकी मौत हो गई। दोनों मजदूर घायल हो गए। यालहुक के साथियों का कहना था कि करीब डेढ़ घंटे तक वे साथी के शव को लेकर एक्सप्रेस वे पर मदद के लिए बिलखते रहे। तब कहीं जाकर पुलिस आई। इंस्पेक्टर महावन शशि प्रकाश शर्मा ने थाने से फोर्स को भेजा। उनका कहना था कि उनके सूचना करीब सात बजे मिली थी। वहीं दूसरी तरफ एक अन्य मजदूर अलवर से बलिया अपने घर जाने के लिए परिवार संग श्रमिक स्पेशल में यात्रा कर रहे थे। बलिया जिले के गांव बड़कीसिरया निवासी शिवजी प्रसाद अपनी पत्नी बुदला और बेटे बजरंगी के साथ यात्रा कर रहे थे। उनकी रास्ते में तबियत खराब हाे गई। मथुरा जंक्शन पर इसकी सूचना दी गई। उनको जंक्शन पर उतार लिया और चिकित्सक को दिखाया। चिकित्सक ने उनको मृत घोषित कर दिया। बजरंगी ने बताया कि उनके पिता की पहले से तबियत खराब थी। दोनों के शव पोस्टमार्टम हाउस के लिए भेज दिए गए। यहां से शव अपने गांव को ले जाने के लिए इनके पास पैसे नहीं थे। जानकारी मिलने पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दीपक चौधरी, पूर्व नगर पालिका चेयरमैन श्याम सुंदर उपाध्याय बिट्टू, स्निग्ध उपाध्याय और अजय शर्मा पहुंच गए। कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस विधान मंडल की नेता आराधना मिश्र को बताया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने डीएम से बातचीत की। दोनों मजदूरों के शवों को भेजने के लिए वह तैयार कर रहे थे। तब प्रशासन ने शवों को भिजवाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्थाएं की। रास्ते के लिए उन्होंने मजदूरों को पांच-पांच सौ रुपये दिए। एमडीएम फाइनेंस ब्रजेश कुमार ने बताया कि एयरकंडीशन एंबुलेंस से दोनों मजदूरों के शवों को भेजा गया है। एक-एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी उनको दी गई।