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Garment Hub: अच्‍छी है खबर, गारमेंट हब को तैयार हो रहा भूखंडों का लेआउट प्लान

Garment Hub अौद्योगिक क्लस्टर बनाने को शासन से लेनी होगी अनुमति। उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्‍ट्रीज एंड कॉमर्स को दी जानकारी। एमएसएमई राज्यमंत्री चाैधरी उदयभान सिंह भी हैं लगातार इस मामले में प्रयासरत।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 04:36 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 04:36 PM (IST)
गारमेंट हब व औद्योगिक क्लस्टर बनाने की दिशा में प्रयास शुरू हो गए हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। थीम पार्क परियोजना की जगह पर गारमेंट हब व औद्योगिक क्लस्टर बनाने की दिशा में प्रयास शुरू हो गए हैं। उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) द्वारा औद्योगिक विकसित भूखंडों के लिए लेआउट प्लान तैयार कराया जा रहा है। भूखंडों की आवंटन दर तय करने को उसकी लागत का आकलन किया जा रहा है। औद्योगिक क्लस्टर बनाने को शासन की अनुमति लेनी होगी।

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यूपीसीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजेश कुमार राय ने यह जानकारी नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स को दी है। चैंबर के विधिक प्रकोष्ठ के चेयरमैन केसी जैन द्वारा यूपीसीडा के संज्ञान में यह लाया गया कि थीम पार्क स्थल पर उचित कनेक्टिवटी का अभाव है। ग्रामीण मार्ग से ही वहां पहुंचा जा सकता है। 100 मीटर चौड़ी इनर रिंग रोड पांच-छह मीटर ऊंची है, जिससे कनेक्टिविटी के लिए इंटरचेंज बनाना आवश्यक है। विकसित औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की दर व शर्तें बताई जाएं, जिससे उद्यमी भूखंड ले सकें। इसके लिए यूपीसीडा द्वारा पंजीकरण भी शीघ्र शुरू कर देना चाहिए। चैंबर अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने बताया कि यूपीसीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी से वार्ता के संबंध में चैंबर ने यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी को पत्र भेजा है। एमएसएमई राज्यमंत्री चाैधरी उदयभान सिंह और चैंबर के प्रयासों से औद्योगिक क्लस्टर और गारमेंट हब का सपना साकार होता नजर आ रहा है। चैंबर उपाध्यक्ष योगेश जिंदल व राजेंद्र गर्ग, कोषाध्यक्ष मयंक मित्तल, पूर्व अध्यक्ष अमर मित्तल, राजीव गुप्ता, अनिल वर्मा, मुकेश अग्रवाल, सीताराम अग्रवाल, राजीव तिवारी, योगेंद्र सिंघल ने सस्ती दरों पर औद्योगिक भूखंड आवंटित करने की मांग की है।

27 हेक्टेअर जमीन का हुआ अवार्ड

थीम पार्क परियोजना में विकास का काम योजना में शामिल 27 हेक्टेअर जमीन का अवार्ड नहीं होने से रुका हुआ था। एक सप्ताह पूर्व प्रदेश के राजस्व अनुभाग ने अवार्ड करने को डीएम को दिशा-निर्देश दिए हैं, जिससे अब कोई विधिक बाधा नहीं होने से डीएम परियोजना की अवशेष 27 हेक्टेअर जमीन का अवार्ड कर सकते हैं। योजना की अनुपयोगी एक हजार एकड़ जमीन का विकास व आवंटन इंडस्ट्रियल क्लस्टर, गारमेंट हब, वेयर हाउसिंग व सूचना प्रौद्योगिकी की गैर-प्रदूषणकारी इकाइयों के लिए किया जाता है। 


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