Ayodhya Structure Demolition Case: अयोध्या केस में आगरा के अधिवक्ता ने भी दाखिल की थी लिखित बहस, साध्वी ऋतंभरा की ओर से पैरवी
Ayodhya Structure Demolition Case अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता हैं आगरा निवासी डॉ. हरिदत्त शर्मा। लखनऊ में सीबीआइ की विशेष अदालत में आज फैसले के वक्त रहेंगे मौजूद। साध्वी ऋतंभरा की ओर से केस की पैरवी कर रहे हैं।
आगरा, यशपाल चौहान। अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. हरिदत्त शर्मा ने बचाव पक्ष की ओर से अदालत में लिखित बहस दाखिल की थी। वे इस मामले में साध्वी ऋतंभरा की ओर से केस की पैरवी कर रहे हैं। बुधवार को फैसले के वक्त भी वे अदालत में मौजूद रहेंगे।
लखनऊ स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में मामले में मुल्जिमों के बयान होने के बाद 31 अगस्त को लिखित बहस दाखिल की गई थी। डॉ. हरिदत्त शर्मा ने लिखित बहस में छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में हुई घटना काे रखा है। अपनी लिखित बहस में उन्होंने कहा है कि छह दिसंबर को अयोध्या में सांकेतिक कारसेवा के लिए कारसेवक पहुंचे थे। नेता वहां विधिक कार्य को व्यवस्थित करने के लिए मौजूद थे।
उन्होंने अपनी बहस में पांच दिसंबर को पुलिस अधिकारियों की बैठक का जिक्र किया है। इसमें कहा गया था कि खुफिया एजेंसी के इनपुट के अनुसार आइएसआइ के एजेंट और कश्मीरी मिलिटेंट कारसेवकों के वेश में घुस आए हैं। ये विवादित ढांचे को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने ही वहां ऐसे हालात पैदा किए और भीड़ बेकाबू हो गई। साध्वी ऋतंभरा के भाषणों को घृणा फैलाने वाले आरोप पर उन्होंने कहा कि जो कैसेट अदालत में पेश की गई हैं, उनका फोरेंसिक परीक्षण और आवाज का मिलान नहीं कराया गया। इसलिए ये विधिक साक्ष्य नहीं मानी जा सकतीं। इस तरह अपने 16 पेज की बहस में उन्होंने साजिश रचने के आरोप को गवाह न होने से खारिज करने से लेकर अन्य आरोपों को भी खारिज किया है। डॉ. हरिदत्त शर्मा ने बताया कि बुधवार सुबह 10 बजे वे अदालत में पहुंच जाएंगे। दोपहर तक फैसला आने की उम्मीद है।