Self Employment: लॉकडाउन में अन्नपूर्णा बन महिलाओं ने शुरू किया अपना व्यापार
Self Employment नौकरी और व्यापार के घाटे में बदला तरीका। बेकरी क्लासेज और खाने का काम दे रहा आर्थिक संबल।
आगरा, जागरण संवाददाता। लॉकडाउन ने व्यापार पर भी काफी प्रभाव डाला है। लोगों के जमे-जमाए व्यापार खत्म हो गए। नौकरियां चली गईं या आमदनी कम हो गई। परिवार को आर्थिक संबल देने के लिए शहर में कई महिलाओं ने घर से ही अॉनलाइन खाने का काम शुरू किया है।कोई अॉनलाइन बेकरी की क्लासेज दे रही है तो कोई डोसा-इडली का पेस्ट बनाकर बेच रही है। यही नहीं, अॉर्डर एंड पिक सुविधा के तहत घर के खाने का स्वाद डिब्बों में बंद कर अपना व्यापार जमा रही हैं।एेसी ही महिलाओं पर नजर डालती एक रिपोर्ट-
पहले फूड कॉर्नर अब घर से काम
सप्तऋषि अपार्टमेंट में रहने वाली सोनिया मनकलता ने आवास विकास कालोनी में अपना फूड कॉर्नर खोला था। एक महीने बाद ही कोरोना के कारण बंदी हो गई। एेसे में चार महीने तक घर में रहने के बाद अब सोनिया ने घर से वड़ा-पाव व अन्य पकवान बनाकर डिलीवरी शुरू कर दी है। इसके साथ ही इडली और डोसा का घोल भी अॉर्डर पर डिलीवरी कर रही हैं। उनके पास अॉनलाइन अॉर्डर आते हैं। सोनिया ने बताया कि उनके अपार्टमेंट में भी कई बार इन हाउस पार्टियों के अॉर्डर आ रहे हैं। फूड पोइंट नहीं खोल सकते हैं, तो व्यापार का तरीका ही बदल दिया।
टीचर बनी शेफ, आ रहे अॉर्डर
एक पब्लिक स्कूल में कई सालों तक टीचिंग की। लॉकडाउन में नौकरी पर संकट आया तो घर से ही खाने का बिजनेस शुरू किया। दयालबाग में रहने वाली शालू ने वेज और नॉनवेज खाने का काम शुरू किया है। अॉर्डर वाट्सएप पर ही आते हैं। शालू बताती हैं कि काम शुरू किए ज्यादा समय नहीं हुआ है पर अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।
घर से ही सिखा रही केक बनाना
विजय नगर की रहने वाली सोनल गर्ग पहले भी घर से ही बेकरी उत्पाद बनाकर डिलीवर करती थीं, लॉक डाउन में काम ठंडा पड़ गया। अब उन्होंने काम का तरीका बदला और बेकरी क्लासेज लेनी शुरू कर दी हैं। हफ्ते में दो से तीन बार बेकरी क्लासेज लेती हैं, शुरू में फीस नहीं ली थी। अब फीस भी लेती हैं और महिलाएं संपर्क कर रही हैं।