Medicinal Plants: हरियाली भी दे रहे और शरीर को कोरोना से दूर भी रख रहे ये औषधीय पौधे
कोरोना काल में बढ़ा बागवानी का शौक नर्सरियों पर बढ़ गए ग्राहक। औषधीय पौधों की बढ़ी डिमांड फ्लैटों और घरों की छतों पर सज रहे पौधे। महिलाएं तैयार कर रहीं किचन गार्डन गमलों में लग रहे गिलोय और अश्वगंधा के पौधे।
आगरा, प्रभजोत कौर। कोरोना काल में अपनी निराशा से निकलने के लिए अपने शौकों की तरफ लोगों ने रुख किया। इसी दौरान बागवानी के शौक ने ईंट-सीमेंट के घरों में हरियाली के रंग भी बिखेरे। फ्लैट की बालकनियों में रंग-बिरंगे गमले सजे तो घरों की छतों पर किचन गार्डन की रंगत बिखरी। इस शौक में ही खुद को फिट रखने का भी जरिया निकाल लिया। कोरोना को दूर करने में लोगों को आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाए गए देशी व आयुर्वेदिक नुस्खे ज्यादा कारगर लग रहे हैं। लगातार मंत्रालय द्वारा औषधीय गुणों वाले पौधों के इस्तेमाल से इम्यूनिटी पॉवर को बढ़ाने की बात कही गई है। लोगों को भी इसके सकारात्मक प्रभाव उपयोग के बाद दिखने लगे हैं। ऐसे में बना हुआ मार्केट से काढ़ा खरीदकर लाने की बजाय अब ऐसे औषधीय पौधों को लोग अपने घरों की बालकनी व छतों पर लगाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
नर्सरियों में बढ़ गए ग्राहक
शहर में 400 से ज्यादा छोटी-बड़ी नर्सरियां हैं। सबसे ज्यादा नर्सरियां यमुना पार इलाके में हैं। लॉकडाउन में तो सब कुछ बंद था, लेकिन अनलॉक होते ही लोगों ने नर्सरियों की तरफ रुख किया। नर्सरी संचालक राहुल कुमार ने बताया कि पहले हमारे बंधे ग्राहक थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद कई नए ग्राहक आए हैं। नए ग्राहकों की संख्या में 20 से 30 फीसद की वृद्धि हुई है।
इंडोर प्लांट की ज्यादा मांग
फ्लैटों में रहने वालों के पास जगह की कमी होती है, वे सिर्फ अपनी बालकनी में ही हरियाली देख सकते हैं। इसीलिए इंडोर प्लांट की मांग ज्यादा है। स्नेक प्लांट, मनी प्लांट, बैंबू, पीस लिली, कामिनी, रबर प्लांट, फर्न, ग्रेप आइवी पौधे हर नर्सरी में सबसे ज्यादा बिक रहे हैं। नर्सरी संचालक मुश्ताक ने बताया कि इंडोर प्लांट की देखरेख आसान होती है। इन्हें धूप की जरूरत नहीं होती, इसलिए लोग इन्हें खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे है।इंडोर प्लांट की कीमत 100 रुपये से शुरू होती है।
किचन गार्डन बने पसंदीदा
घरों की छतों पर ग्रो पैक में सब्जियां उगाना इस समय सबसे ज्यादा पसंद किया जा रहा है। महिलाएं गमलों में भी धनिया, भिंडी, बैंगन, पालक आदि उगा रही हैं। दयालबाग की विनीता मित्तल को शुरू से बागवानी का शौक था, लॉक डाउन में उन्होंने अपने समय का सदुपयोग घर की छत पर किचन गार्डन तैयार कर किया। इस समय उनकी छत पर कई तरह की सब्जियां उग रही हैं। इसी तरह रेनू मुस्कान ने भी अपने घर की छत को किचन गार्डन में बदल दिया है। वो अपनी छत पर भुट्टे तक उगा रही हैं।
बढ़ी इनकी मांग
गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा, पोदिना, लैमनग्रास, मरवा, कालमेग व एलोविरा की मांग तेजी से बढ़ गई है। नर्सरी संचालक मुन्ना ने बताया कि तुलसी की कई वेरायटी है लेकिन मांग रामा, श्यामा व मरवा की ज्यादा है।
औषधीय पौधों के दाम
गिलोय 50 रूपए
तुलसी 50 से 80 रूपए
लैमनग्रास 150 से 180 रूपए
अश्वगंधा 80 से 100 रूपए
मरवा 100 से 120 रूपए
कालमेग 50 से 100 रूपए
पोदिना 50 से 80 रूपए
एलोविरा 100 से 150 रूपए