कोरोना वायरस से मृतक लोगों की अस्थियांं होंगी विसर्जित, आगरा में क्षेत्र बजाजा कमेटी कराएगी ये काम
ताजगंज विद्युत शवदाह गृह पर एकत्र हो गई हैं अस्थियां। यहां पोटलियाें में अस्थियां रखी हुई हैं। प्रशासन के सहयोग से सोरों में करेंगे अस्थियों का विसर्जन। क्षेत्र बजाजा कमेटी वर्ष 1998 से अज्ञात शवों की अस्थियों का विसर्जन सोरों में कर रही है।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के संक्रमण ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। अपनों का अंतिम संस्कार करने के बाद लोग विसर्जन के लिए उनकी अस्थियां लेने भी श्मशान घाट नहीं आ पा रहे हैं। विद्युत शवदाह गृह पर अस्थियों का ढेर लग गया है। यहां पोटलियाें में अस्थियां रखी हुई हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से मरे इन लोगों की अस्थियों का विसर्जन क्षेत्र बजाजा कमेटी करेगी।
आगरा में श्मशान घाट पर इन लॉकर्स में अस्थियां सुरक्षित रखी गई हैं।
ताजगंज विद्युत शवदाह गृह पर कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों का लगातार अंतिम संस्कार हो रहा है। इनमें कुछ घोषित और अधिकांश अघोषित हैं। प्रशासन द्वारा अंतिम संस्कार को भिजवाए गए शव तो नाममात्र के ही हैं, लेकिन मृतकों के स्वजनों द्वारा भी यहां बड़ी संख्या में अंतिम संस्कार कराए गए हैं। अंतिम संस्कार के बाद बहुत से लोग अस्थियां लेने विद्युत शवदाह गृह नहीं पहुंचे हैं। क्षेत्र बजाजा कमेटी के अध्यक्ष अशोक गोयल ने बताया कि विद्युत शवदाह गृह पर अस्थियों के ढेर देखकर लोग द्रवित हो जाते हैं कोरोना काल में कई परिवार ऐसे हैं, जिनमें अस्थि विसर्जन करने वाले भी नहीं रहे हैं। बहुत से परिवार ऐसे हैं, जो इस संक्रमण से जूझ रहे हैं। कुछ लोग गरीबी के कारण असमर्थ हैं। कोरोना की चेन तोड़ने को की गई बंदी भी अस्थि विसर्जन में बाधक बन रही है। कमेेटी ने निर्णय लिया है कि प्रशासन के सहयोग से कोरोना वायरस के संक्रमण से मरे लोगों की अस्थियां सोरों में गंगाजी में विसर्जित की जाएंगी। ऐसे मृतकों के स्वजन कमेटी से संपर्क कर सकते हैं। विसर्जन में मृतक परिवार के दो लोग साथ जा सकेंगे।
वर्ष 1998 से अस्थियों का विसर्जन कर रही है संस्था
क्षेत्र बजाजा कमेटी वर्ष 1998 से अज्ञात शवों की अस्थियों का विसर्जन सोरों में कर रही है। आगरा में अज्ञात शवों की अस्थियों को पुलिस की गारद द्वारा सलामी दी जाती है।