Migratory Birds in Agra: Bird Flu के कारण चर्चा में आई बार हेडेड गूज आम नहीं खास चिड़िया है, जानिए विशेषता
Migratory Birds in Agra प्रवासी पक्षियों में सबसे ऊंचाई पर उड़ती है बार हेडेड गूज। हिमालय की चोटी पार करके आती है उत्तरी भारत। वेटलैंड इंटरनेशनल की वार्षिक गणना में सूर सरोवर पक्षी विहार में जोधपुर झाल में बार हेडेड गूज की संख्या ज्यादा मिली है।
आगरा, सुबान खान। उत्तरी भारत से इतनी मुहब्बत कि सात समंदर पार करके हिमालय की चोटी को भी लांग देती है। फ्लाई-वे पर तीन सौ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ती है। एक बार आकाश में उड़ गई तो आठ घंटा आकाश में उड़ान भरती रहती है पर नीचे नहीं उतरती। ये खासियत किसी और कि नहीं बल्कि आगरा में डेरा डालने वाली प्रवासी पक्षी बार हेडेड गूज की है।
इन दिनों बर्ड फ्लू के कारण चर्चा में आने वाली चिड़िया बार हेडेड गूज बहुत विशेष विदेशी मेहमान है। उत्तरी भारत में बार हेडेड गूज बड़ी संख्या में आती है। यह आगरा के भी जलाशयों में पहुंचती है। बार हेडेड गूज का झुंड साढे आठ हजार मीटर की ऊंचाई से भी ज्यादा ऊपर उड़कर आता है। यह आधे अक्टूबर से ही अपने मूल ठिकाने को छोड़कर सेंट्रल एशियाई से उत्तरी भारत के राज्यों में प्रवास करती है। इसके लिए बार हेडेड गूज को हिमालय की चोटी को पार करके आना पड़ता है। हिमालय की ऊंचाई 8848.86 मीटर है। विशेषज्ञों के अनुसार बार हेडेड गूज इससे भी अधिक 50 मीटर ऊंचा उड़कर भारत में प्रवेश करता है। यह चिड़िया कई वेटलैंड्स पर स्टे करने के बाद आगरा सूर सरोवर पक्षी विहार में पहुंचती है। वेटलैंड इंटरनेशनल की वार्षिक गणना में सूर सरोवर पक्षी विहार में जोधपुर झाल में बार हेडेड गूज की संख्या ज्यादा मिली है।
शाकाहरी है बार हेडेड गूज
बायोडाइवर्सिटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष डा. केपी सिंह ने बताया कि बार हेडेड गूज शाकाहारी है। वह खेतों में अंकुरित गेहूं या घास का भोजन करती है। यह 50 से ज्यादा के झुंड में चलती है। यह वेटलैंड के किनारों पर ठहरती है और किसी भी पेड़ पर घौसला बना लेती है।
दो से तीन किलोग्राम वजन
बार हेडेड गूज का वजन दो से तीन किलोग्राम होता है। यह 3 से 4 अंडा देती है। हालांकि ज्यादातर पक्षियों के चूजे 31 दिन में अंडे से बाहर निकल जाते है। बच्चे बड़े होने पर उन्हें लेकर बार हेडेड गूज भारत की तरफ उड़कर आती है।
बर्ड फ्लू की चपेट में बार हेडेड गूज
बार हेडेड गूज इस बार बर्ड फ्लू की चपेट में आ गई है। हिमाचल के कांगड़ा जिले की पोंग डैम के पास मृत मिले प्रवासी पक्षियों में सबसे ज्यादा संख्या बार हेडेड गूज थी। इसके चलते आगरा की सेंक्चुरी में भी बार हेडेड गूज पर निगरानी बढ़ दी गई।