बदलते मौसम की मुसीबत इन उपायों से होंगी दूर, खांसी जुकाम में ये योग भी हो सकता है कारगर Agra News
सेल्युलर न्यूट्रीशिनिस्ट डॉ एनके सिन्हा ने बताए घर की रसोई में छुपे उपाय। बाम भस्त्रिका योग भी दूर करता है रोग।
आगरा, तनु गुप्ता। सर्द रातें और सुबह, दिन में धूप का ताप। हवाओं में ठंडापन और घर के अंदर िबिन पंखे की घुटन। मौसम का ये बदलाव दिनचर्या के साथ शरीर को भी प्रभावित कर रहा है। आने वाली ठंड की दस्तक के साथ सर्दी और जुकाम की जकड़न ने हर घर को अपना शिकार बना लिया है। यदि समय रहते इनका इलाज घर की रसोई से ही निकाल लिया जाए तो दवाओं के होनेे वाले साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है।
सेल्युलर न्यूट्रीशियनिस्ट डॉ एनके सिन्हा के अनुसार खांसी-जुकाम हर बदलते मौसम के साथ आने वाली समस्या है। खांसी बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन, एलर्जी, साइनस इन्फेक्शन या ठण्ड के कारण हो सकती है। कुछ घरेलू उपायों से यदि सर्दी जुकाम की शुरुआत में इलाज कर लिया जाए तो जल्द राहत मिल जाती है।
हल्दी वाला दूध
डॉ सिन्हा कहते हैं कि हल्दी वाला दूध जुकाम में काफी फायदेमंद होता है क्योंकि हल्दी में एंटीआॅक्सीडेंट्स होते हैं जो कीटाणुओं से हमारी रक्षा करते हैं। रात को सोने से पहले इसे पीने से तेजी से आराम पहुंंचता है। हल्दी में एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल प्रॉपर्टीज मौजूद रहती हैंं जो की इन्फेक्शन से लडती हैं। इसकी एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज सर्दी, खांसी और जुकाम के लक्षणों में आराम पहुंचाती है।
गर्म पानी
जितना हो सके गर्म पानी पिएं। आपके गले में जमा कफ खुलेगा और आप सुधार महसूस करेंगे।
शहद, नींबू और इलायची का मिश्रण
आधा चम्मच शहद में एक चुटकी इलायची और कुछ नीबू के रस की बूंदे डालें। इस सिरप का दिन में दो बार सेवन करें। आपको खांसी-जुकाम से काफी राहत मिलेगी।
गर्म पानी और नमक से गरारे
गर्म पानी में चुटकी भर नमक मिला कर गरारे करने से खांसी-जुकाम के दौरान काफी राहत मिलती है। इससे गले को राहत मिलती है और खांसी से भी आराम मिलता है। यह भी काफी पुराना नुस्खा है।
मसाले वाली चाय
अपनी चाय में अदरक, तुलसी, काली मिर्च मिला कर चाय का सेवन कीजिए। इन तीनों तत्वों के सेवन से खांसी-जुकाम में काफी राहत मिलती है।
आंवला
आंवला में प्रचुर मात्रा में विटामिन- सी पाया जाता है जो खून के संचार को बेहतर करता है और इसमें एंटी- आॅक्सीडेंट्स भी होते हैं जो आपकी रोग- प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करता है।
अदरक- तुलसी
अदरक के रस में तुलसी मिलाएं और इसका सेवन करें। इसमें शहद भी मिलाया जा सकता है।
अलसी
अलसी के बीजों को मोटा होने तक उबालें और उसमें नींंबू का रस और शहद भी मिलाएं और इसका सेवन करें। जुकाम और खांसी से आराम मिलेगा।
अदरक और नमक
अदरक को छोटे टुकड़ों में काटें और उसमें नमक मिलाएं। इसे खा लें। इसके रस से आपका गला खुल जाएगा और नमक से कीटाणु मर जाएंगे।
लहसुन
लहसुन को घी में भून लें और गर्म- गर्म ही खा लें। यह स्वाद में खराब हो सकता है लेकिन स्वास्थ्य के लिए एकदम शानदार है।
गेहूं की भूसी
जुकाम और खांसी के उपचार के लिए आप गेहूं की भूसी का भी प्रयोग कर सकते हैं। 10 ग्राम गेहूं की भूसी, पांच लौंग और कुछ नमक लेकर पानी में मिलाकर इसे उबाल लें और इसका काढ़ा बनाएं। इसका एक कप काढ़ा पीने से आपको तुरंत आराम मिलेगा। हालांकि जुकाम आमतौर पर हल्का-फुल्का ही होता है जिसके लक्षण एक हफ्ते या इससे कम समय के लिए रहते हैं। गेंहू की भूसी का प्रयोग करने से आपको तकलीफ से निजात मिलेगी।
अनार का रस
अनार के जूस में थोडा अदरक और पिपली का पाउडर डालने से खांसी को आराम मिलता है।
काली मिर्च
अगर खांसी के साथ बलगम भी है तो आधा चम्मच काली मिर्च को देसी घी के साथ मिलाकर खाएं। आराम मिलेगा।
गर्म पदार्थों का सेवन
सूप, चाय, गर्म पानी का सेवन करें। ठंडा पानी, मसालेदार खाना आदि से परहेज करें।
ये योग भगाएगा रोग
बाम भस्त्रिका
योग गुरु अनीता यादव बताती हैं कि बाम भस्त्रिका योग करने से सर्दी, जुकाम, साइनस में काफी फायदा होता है। इसे करने के लिए दायें हाथ के अंगूठे से दायीं नासिका को बंद कर दें और बायीं नसिका से तेज गति से सांस भरे और छोड़ें। तेजी से सांस छोड़ने और भरने की इस प्रक्रिया को दस बार करें। ध्यान रखें कि जब आप सांस भरें तो आपके पेट बाहर आना चाहिए और जब सांस छोड़ें तो आपका पेट बाहर आना चाहिये। जब आप दस बार इस क्रिया को दस बार कर लें। इसके बाद बायें हाथ के अंगूठे से बायीं नासिका को बंद करें। दायीं नासिका से दस बार इस क्रिया को करें। जो लोग थक जाएं वे पांच-पांच बार इस क्रिया को कर सकते हैं। धीरे-धीरे इसके अभ्यास को बीस बार तक ले जाया जा सकता है। अग्नि क्रिया को करने के लिए दायीं नासिका से सांस भरी है और बायीं नासिका से छोड़नी है। इस क्रिया को बार-बार करना है। बायीं नासिक को दाएं हाथ की मध्य अंगुली से बंद करें और दायीं नासिका से तेजी से सांस लें और बायें से छोड़ें। फिर इसी अभ्यास दूसरी ओर से दोहराएं। इस क्रिया को दस बार दोहराएं।