liquor in Agra: आगरा के इस गांव में पैग नहीं, खेतों में गिलास के भाव से बिकती है शराब
liquor in Agra बाह के गांव विष्णुपुरा का मामला पुलिस ने खेत में पकड़ी थी कच्ची शराब। लाकडाउन से पहले दस रुपये में मिलता था शराब का गिलास। लाकडाउन में बढ़कर 15 रुपये हो गया एक गिलास शराब का भाव।
आगरा, अली अब्बास। शहरों में बार में भले ही शराब पैग के हिसाब से बिकती हो। मगर, अागरा में एक गांव ऐसा भी है, जहां शराब पैग में नहीं बल्कि ओपन बार (खेतों) में गिलास के भाव बिकती है। यह गांव बाह थाने का विष्णुपुरा है। शराब का भाव यहां पर भले ही बढ़ गया हो, लेकिन गिलास का साइज कम नही हुआ है। हां पुलिस कार्रवाई के डर से गांव में कच्ची शराब बनाने का तरीका जरूर बदल गया है।
गांव में खेतों में शराब के गिलास की बिक्री और उसके भाव का पर्दाफाश शनिवार को पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में हुआ। पुलिस ने शनिवार की शाम को विष्णुपरा गांव में एक सरसों के खेत में कच्ची शराब की बिक्री करते एक आरोपित को दबोच लिया। उससे 20 लीटर कच्ची शराब बरामद की। इसके अलावा 80 लीटर लहन भी पुलिस ने मौके से पकड़ा। इसे पुलिस ने खेत में फैलाकर नष्ट कर दिया। आराेपित ने सरसों के खेत में चारों तरफ तारों की बाड़ लगा रखी थी। इससे करंट दौड़ाया हुआ था।
आरोपित से पूछताछ में पुलिस काे पता चला कि कार्रवाई के डर से लोग अब खेत या खुले में भट्टी पर कच्ची शराब तैयार नहीं करते हैं। अब वह घर में गैस के चूल्हे पर शराब तैयार करते हैं। इसके बाद उसे पांच या दस लीटर की कट्टी में भर लेते हैं। इन कट्टी को खेत में ले जाकर गड्डा खोदकर दबा देते हैं। इसके बाद खेत से ही शराब के शाैकीनों काे प्रति गिलास के भाव से कच्ची शराब को बेचते हैं। गांव के लोगों को पव्वा की जगह दस रुपये प्रति गिलास के भाव से शराब बेची जाती है।
शौकीनों के लिए खेत ओपर बार का काम करते हैं। यहां पर वह कभी भी आकर शराब का गिलास खरीद सकते हैं। पहले यह गिलास दस रुपये में मिलता था। मगर, लाकडाउन के दौरान इसकी कीमत 15 रुपये कर दी गई है। खेत में शराब की कट्टी दबाने की जगह हर बार बदल दी जाती है। इससे कि एक बार जगह को देख लेने के बाद कोई वहां उसकी चोरी न कर सके।