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International Labor Day 2021: ताजनगरी में जाब कार्ड 1.85 लाख मजदूरों के बने, काम मिला सिर्फ 2382 मजदूरों को

International Labor Day 2021 खरीदारों के अभाव में बिल्डरों के पास रकम आना बंद हो गई है। ऐसे में उन्होंने भी अपने प्रोजेक्ट रोक दिए हैं। इससे हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। आगरा में सिर्फ 2382 मजदूरों को काम मिल पा रहा है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 02:07 PM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 02:07 PM (IST)
International Labor Day 2021: ताजनगरी में जाब कार्ड 1.85 लाख मजदूरों के बने, काम मिला सिर्फ 2382 मजदूरों को
कोरोना महामारी के चलते प्रोजेक्ट बंद होने से बेरोजगार हुए मजदूर।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में मजदूरों को दोहरा संकट से गुजरना पड़ रहा है। वे इस महामारी से तो जूझ ही रहे हैं, उनके सामने रोजगार का भी संकट खड़ा होने लगा है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के चलते आचार संहिता की वजह से सरकारी काम लगभग बंद हैं।निजी क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के चलते अधिकांश लोगों ने अपने प्रोजेक्ट बंद कर रखे हैं। ऐसे में हजारों मजदूरों के हाथ खाली हैं।

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एक मई, यानि मजदूर दिवस। रोजगार के साधन के लिए हजारों लोग मजदूरी कर न सिर्फ अपना बल्कि पूरे परिवार का पेट पालते हैं। शहर के किसी न किसी चौराहा पर हर सुबह सैकड़ों मजदूर काम की तलाश में खड़े नजर आते हैं। इनमें से कुछ को काम मिल जाता है तो कोई खाली हाथ लौट जाता है। ऐसे में सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत अधिक से अधिक मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की पहल की। आगरा में ही 1 लाख 85 हजार 632 मजदूरों के जाब कार्ड बनाए गए। मगर, ये सिर्फ दिखावे के रहे। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इनमें से सिर्फ 2382 मजदूरों को काम मिल पा रहा है। ऐसे में हजारों मजदूरों के सामने आज भी काम का संकट है।

निजी क्षेत्र में बंद हुए काम

कोरोना काल में अधिकांश बिल्डरों ने अपने प्रोजेक्ट रोक दिए हैं। दरअसल, अधिकांश लोगों ने खर्च पर लगाम लगा दी है। जिनको घर की जरूरत है, उन्होंने अपना घर खरीदने की योजना हालात सामान्य होने तक टाल दी है।वह अपनी जमा की हुई धनराशि सुरक्षित करके रखना चाहते हैं। पता नहीं, किस वक्त धनराशि की जरूरत पड़ जाए। खरीदारों के अभाव में बिल्डरों के पास रकम आना बंद हो गई है। ऐसे में उन्होंने भी अपने प्रोजेक्ट रोक दिए हैं। इससे हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। 


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