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TajMahal Unlocked: गहरा रहा ताजमहल के 'संस्कृति दूतों' पर संकट, नहीं मिल रहा अब तक काम

TajMahal Unlocked ताजमहल तो खुला काम नहीं मिला। लॉक डाउन के समय से ही खाली बैठे हैं गाइड। ताजमहल को खुले हुए हो चुके हैं 26 दिन। इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू नहीं होने की स्थिति में फिलहाल काम मिलने की उम्मीद भी कम नजर आ रही है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 10:41 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 10:41 AM (IST)
TajMahal Unlocked: गहरा रहा ताजमहल के 'संस्कृति दूतों' पर संकट, नहीं मिल रहा अब तक काम
ताजमहल को खुले हुए हो चुके हैं 26 दिन।

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल खुले हुए 26 दिन हो चुके हैं, लेकिन संस्कृति के दूत कहे जाने वाले गाइडों को अभी तक काम नहीं मिल सका है। वो लाक डाउन के समय से ही खाली बैठे हुए हैं। इससे उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट दिन-प्रतिदन गहराता जा रहा है। इंटरनेशनल फ्लाइट और टूरिस्ट वीजा सर्विस शुरू नहीं होने की स्थिति में उन्हें फिलहाल काम मिलने की उम्मीद भी कम नजर आ रही है।

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दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल कोरोना काल में 188 दिनों की बंदी के बाद 21 सितंबर को पर्यटकों के लिए खोला गया था। स्मारक खुले हुए शुक्रवार को 26 दिन पूरे हो गए। कोरोना काल में खुले स्मारक में पर्यटकों की संख्या पर कैपिंग लागू है और एक दिन में पांच हजार टिकट ही बुक हो सकते हैं। इंटरनेशनल फ्लाइट नहीं आने और टूरिस्ट वीजा सर्विस शुरू नहीं होने की वजह से विदेशी पर्यटक यहां नहीं आ पा रहे हैं। इसका असर साफ नजर आ रहा है। ताजमहल पर काम करने वाले गाइड स्मारक खुलने के बाद भी खाली बैठे हुए हैं। उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। दिन- प्रतिदिन उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है और सरकार की तरफ से कोई राहत उन्हें मिली नहीं है।

18 मार्च को आखिरी ग्रुप टूर किया था। उसके बाद से आज तक किसी पर्यटक को नहीं घुमाया है। इंटरनेशनल फ्लाइट नहीं आने और टूरिस्ट वीजा सर्विस शुरू नहीं होने की वजह से विदेशी पर्यटक यहां नहीं आ पा रहे हैं।विदेशी पर्यटकों का आना संभव नहीं हो पाने की वजह से यह स्थिति हुई है। आर्थिक संकट दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।

-पुनीत वर्मा, यूपीटी गाइड

मुझे गाइड का काम करते हुए 22 वर्ष हो चुके हैं। इतने वर्षों में मुझे कभी भी घरवालों से पैसे मांगने की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन कोरोना काल में उनसे पैसे लेने पड़े। छह माह से अधिक समय से काम नहीं मिलने से बुरा हाल है।

-अमित दत्ता, डीओटी गाइड 


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