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Migratory Birds in Agra: जोधपुर झाल में भोजन और कीठम झील की वादियां बनी संकटग्रस्त परिंदों का आशियाना

Migratory Birds in Agra आइयूसीएन की संकटग्रस्त सूची में शामिल जलीय पक्षियों ने दोनों जगह शरण ली। वैश्विक स्तर पर घट रही पक्षियों की संख्या इन्हें बचाने की जरूरत। प्रवासी पक्षी दूसरे देशों से हजारों किलोमीटर का सफर तय करके झील के पानी मेंं क्रीड़ा करने पहुंचते हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 04:41 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 04:41 PM (IST)
Migratory Birds in Agra: जोधपुर झाल में भोजन और कीठम झील की वादियां बनी संकटग्रस्त परिंदों का आशियाना
वैश्विक स्तर पर घट रही पक्षियों की संख्या, इन्हें बचाने की जरूरत।

आगरा, जागरण संवाददाता। रामसर साइट के नक्शे में शुमार सूर सरोवर पक्षी विहार और उसके उसके आंचल से कुछ कोस दूर जोधपुर झाल परिंदों का ठिकाना ही नहीं, बल्कि इंटरनेशनल यूनियन फार कंजर्वेशन आफ नेचर (आइयूसीएन) की संकटग्रस्त सूची में शामिल जलीय पक्षियों की शरण स्थली बनी हुई हैं। मेहमान परिंदे जोधपुर झाल में दिनभर भोजन करते हैं और शाम ढलते ही कीठम झील की वादियों में बने आशियानों में निवास करते हैं। कीठम झील और जोधपुर झाल पक्षियों की शरणस्थली के साथ-साथ विलुप्त होती प्रजातियों की जीवन दायिनी साबित हो रही हैं।

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कीठम झील में तकरीबन दो दर्जन प्रजातियों के सैकड़ों पक्षी ऐसे हैं, जो आइयूसीएन की संकटग्रस्त सूची में शामिल हैं। बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष डा. केपी सिंह ने बताया कि वेडर और शोरबर्ड श्रेणी के जलीय पक्षियों की संख्या लगातार वैश्विक स्तर पर घटती जा रही है। इसमें प्रवासी, अप्रवासी और स्थानीय, आवासीय पक्षी भी शामिल हैं। प्रवासी पक्षी दूसरे देशों से हजारों किलोमीटर का सफर तय करके झील के पानी मेंं क्रीड़ा करने पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि आइयूसीएन द्वारा संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण स्थिति को तीन श्रेणी बांटा गया है। प्रथम श्रेणी- जिन प्रजातियां सबसे कम जोखिम, संरक्षण आश्रित, खतरे के निकट हैं। द्वितीय श्रेणी- खतरे की चपेट में, खतरे में, गंभीर खतरे में हैं। तृतीय श्रेणी- निश्चित भूभाग या जंगल में विलुप्त, विलुप्त में विभाजन आदि में शामिल हैं।

वैश्विक स्तर पर घटते प्रवासी पक्षी

डालमेशन पेलिकन, बार-हेडेड गूज, पलाश गुल, कामन कूट, ब्लैक-टेल्ड गोडविट, कामन स्नाइप, मार्श सेंडपाइपर, कामन सेंडपाइपर, लिटिल स्टिंट, यलो वेगटेल, नोर्दन शोवलर, नोर्दन पिनटेल, काम्ब डक आदि हैं।

वैश्विक स्तर घटते आवासीय पक्षी

लिटिल ग्रीव, ब्लैक क्राउन नाइट हैरोन, पर्पल हैरोन, सारस क्रेन, बूली-नेक्ड स्टार्क, ब्लैक हेडेड आइबिश, रेड नेप्ड आइबिश, इंडियन स्पाटविल्ड डक आदि हैं।

वैश्विक स्तर पर घटते स्थानीय पक्षी

लेशर विशलिंग डक, केटिंश प्लोवर, ब्लैक नेक्ड स्टार्क, ग्रेटर स्पोटिड ईगल, पेंटेड स्टार्क, ओरिएंटल डार्टर, रिवर टर्न, रिवर लेपविंग आदि बहुत कम मिलते हैं।

वैश्विक स्तर पर स्थिर संख्या वाले जलीय पक्षी

वैश्विक स्तर पर स्थिर संख्या वाले जलीय पक्षियों में विश्कर्ड टर्न (प्रवासी) व्हाइट वेगटेल (प्रवासी) व्हाइट ब्राउडेड वेगटेल (प्रवासी), सिट्रिन वेगटेल (प्रवासी), कामन ग्रीनशेंक (प्रवासी), लिटिल रिंग्ड प्लोवर (स्थानीय प्रवासी) कीठम झील में पाए जाते हैं।

कीठम झील पर खतरे के निकट सूची के पक्षी

जलीय पक्षियों की पांच प्रजातियां मिली हैं यह पक्षी आईयूसीएन की संकटग्रस्त सूची में शामिल हैं । जिनमें रिवर टर्न, ब्लैक-हेडेड आईबिश, सारस क्रेन, ग्रेटर-स्पोटिड ईगल और रिवर लेपविंग वैश्विक स्तर पर गंभीर संकटग्रस्त श्रेणी से विलुप्त होने के कगार पर खडी प्रजातियां हैं। 


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