आगरा में धूल उड़ाने वाले विभागों पर रखी जा रही है नजर, ताकि न हो स्मॉग
खोदकर छोड़ दी हैं सड़कें नहीं हो रहा छिड़काव। यूपीपीसीबी ने बना रखी हैं दो टीमें कर रही हैं मानीटरिंग। उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन एडीए स्मार्ट सिटी लिमिटेड और एनएचएआइ को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की डस्ट मिटिगेशन और कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन गाइडलाइन का पालन करने को पत्र भेजे हैं।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में खोदकर छोड़ दी गईं सड़कों से शहरवासी परेशान हैं। इससे जाम तो लग ही रहा है, लोग चुटैैल भी हो रहे हैं। वहीं, वाहनों के गुजरने पर उड़ने वाली धूल से राहगीर व दुकानदार भी परेशान हैं। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने इसकी मानीटरिंग को दो टीमें बना रखी हैं। इसके साथ ही संबंधित विभागों को धूल उड़ने से रोकने के लिए उचित इंतजाम करने को पत्र भेजे गए हैं।
बारिश में ताजनगरी में कई सड़कें खराब हो गई हैं। इनमें गहरे-गहरे गड्ढे हो गए हैं। सीवर लाइन के काम के चलते लोहामंडी-बोदला और बाेदला-सिकंदरा रोड बदहाल हैं। यहां चल रहे काम की वजह से दिनभर धूल उड़ती रहती है, जिससे लोग परेशान हैं। यहां धूल उड़ने से रोकने को न तो कर्टेन लगाए गए हैं और न ही पानी का नियमित छिड़काव किया जा रहा है। हवा में घुल रहे धूल कणों व अति सूक्ष्म कणों और मौसम में परिवर्तन की वजह से वायु गुणवत्ता खराब स्थिति में पहुंच गई है। इसके चलते यूपीपीसीबी ने उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन, अागरा विकास प्राधिकरण, आगरा स्मार्ट सिटी लिमिटेड और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की डस्ट मिटिगेशन और कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन गाइडलाइन का पालन करने को पत्र भेजे हैं।
यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी डा. विश्वनाथ शर्मा ने बताया कि शहर में चल रहे निर्माण कार्यों से हो रहे वायु प्रदूषण की जांच को दो टीमें गठित की गई हैं। जिम्मेदार विभागों द्वारा कार्य प्रणाली में सुधार नहीं किए जाने पर उनके खिलाफ पर्यावरण क्षतिपूर्ति की कार्रवाई की जाएगी।