Kartik Seva: कार्तिक नियम सेवा शुरू, भारतीय परिधान पहन भक्ति में डूबी विदेशी संस्कृति
Kartik Seva एकादशी से कार्तिक मास नियम सेवा वाले भक्त अपने इष्ट को मनाने में जुट जाते हैं। 21 किमी गोवर्धन परिक्रमा मार्ग इस समय राधे राधे और गिरिराज महाराज के जयकारों से गूंज रहा है। गिरिराजजी पर भी दुग्धाभिषेक और मनोरथ करने वाले भक्तों की लाइन लगी है।
आगरा, जेएनएन। कार्तिक के महीने में की गई साधना सालभर में सबसे अधिक फलदायक होती है। यही कारण है कि देश दुनिया से आए श्रद्धालु वृंदावन में आकर कार्तिक नियम सेवा कर पंचकोसीय परिक्रमा कर रहे हैं। गौड़ीय संप्रदाय में कार्तिक के महीने को दामोदर मास के रूप में मनाया जाता है। एकादशी से कार्तिक मास नियम सेवा वाले भक्त अपने इष्ट को मनाने में जुट जाते हैं। 21 किमी गोवर्धन परिक्रमा मार्ग इस समय राधे राधे और गिरिराज महाराज के जयकारों से गूंज रहा है। देश ही नहीं बल्कि विदेशी भक्त भी श्रद्धा के समंदर में गोते लगाने के लिए ब्रजभूमि पहुंच गए हैं। गोवर्धन- राधाकुंड में सुबह 4 बजे से स्नान आचमन के साथ नियम सेवा वाले भक्त, भक्ति में रम जाते हैं।
मंगलवार की सुबह विदेशी भक्तों का दल हाथों में ढोलक मजीरा लिए हरिनाम संकीर्तन पर मस्ती के साथ परिक्रमा लगाते नजर आए। मंदिरों में बढ़ती रौनक ने दुकानदारों के चेहरे पर भी रोजीरोटी की रौनक बढ़ा दी। एक महीना तक लगातार ब्रजभूमि भूमि भक्तों की आस्था से गुलजार नजर आएगी। खासकर राधाकुंड में जर्मन अमेरिका रूस के साथ मणिपुर बंगाल के तमाम भक्त एक महीना निवास करते हैं। कोविड-19 का डर गिरिराज तलहटी में दूर दूर तक नजर नहीं आता। गोवर्धन के प्रसिद्ध दानघाटी और मुकुट मुखारविंद मंदिर पर भक्तों का जमावड़ा रहता है। हालांकि दानघाटी मंदिर के कपाट अभी नहीं खुले हैं। लेकिन दानघाटी गिरिराजजी के दर पर मस्तक झुकाने वालों का सिलसिला बना रहता है। जतीपुरा गिरिराजजी पर भी दुग्धाभिषेक और मनोरथ करने वाले भक्तों की लाइन लगी है।