गर्मियों में काढ़ा, इससे ज्यादा पीना दे सकता है फायदे की जगह नुकसान
कोरोना संक्रमण से बचने या पोस्ट कोविड लोग अब भी काढ़े का नियमित सेवन कर रहे हैं। मौसम गर्मी का है और ऐसे में काढ़े में शामिल गरम पदार्थ आपके शरीर में दूसरी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। चिकित्सकों की सलाह है प्रतिदिन 15 से 30 एमएल काढ़ा ही लें।
आगरा, प्रभजोत कौर। कोरोना वायरस से जंग में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में लोगों की मदद काढ़े ने बहुत की। कोरोना की पहली दस्तक से लेकर अबतक काढ़ा सबकी दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है। कोरोना से संक्रमित हो चुके मरीज हो या उनके तीमारदार, काढ़े ने सभी को राहत दी है। चिकित्सकों ने भी काढ़े से होने वाले लाभों को माना है। काढ़े में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियों और मसालों में एंटीआक्सीडेंट होते हैं, जो प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करते हैं।
कोरोना से पहले तक काढ़ा सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए पिया जाता था। अब लोग इसे हर मौसम में पी रहे हैं, हालांकि इसके ज्यादा सेवन से कई दिक्कतें भी आ रही हैं। काढ़े में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की तासीर गर्म होती है। दिन में तीन से चार बार काढ़ा पीने वालों को नुकसान ज्यादा हो सकता है। तो आइए जानते हैं कि गर्मी में काढ़ा कितना पीना चाहिए-
आयुर्वेदिक चिकित्सक डा. कविता गोयल का कहना है कि गर्मियों में पूरे दिन में 15 से 30 एमएल ही काढ़े का सेवन करना चाहिए। इससे शरीर को नुकसान नहीं होगा। ज्यादा काढ़ा पीने से एसिडिटी, पेशाब में जलन, सीने में जलन, शरीर में दाने, कब्ज आदि समस्याएं हो सकती हैं। जिन लोगों को जुकाम, खांसी, निमोनिया, सांस लेने में तकलीफ या फिर कोविड संक्रमित हैं, वे 50 एमएल तक काढ़ा की मात्रा का सेवन कर सकते हैं। काढ़ा पीने के बाद बेचैनी हो या फिर गर्मी लगने लगे तो वे इसके सेवन के एक घंटे बाद फल खाने से आराम मिलता है।
पूरा दिन न पिएं काढ़ा
सुबह उठने के एक घंटे बाद या शाम को चार से पांच बजे के बीच काढ़ा पीना फायदेमंद होता है। खाली पेट काढ़े के सेवन से एसिडिटी की समस्या बढ़ सकती है। काढ़े में शहद मिलाएं, शहद सामग्रियों को गर्म तासीर को कम करने का काम करता है। डायबिटीज के मरीज काढ़े में ज्यादा शहद या मुलेठी का इस्तेमाल करने से बचें।
तुलसी का कर सकते हैं इस्तेमाल
तुलसी का प्रयोग भी सर्दियों में ही अक्सर घरों में होता है। चूंकि कोरोना वायरस संक्रमण का दौर है और लोग गले में खराश या चुभन की समस्या से जूझ रहे हैं। अंदर कफ जमा होने की भी शिकायत है, ऐसे में चाय में तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन सुबह ही पहली चाय में पांच से छह पत्तियां तुलसी की प्रयोग करें। इसके बाद दिनभर अपनी सामान्य चाय लेते रहें। तुलसी का प्रयोग भी आयुर्वेद में बहुत लाभकारी माना गया है।