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Bird Sanctuary: ब्रज को एक और सौगात, जोधपुर झाल होगा पक्षी विहार घोषित, बनाई गई समितियां

Bird Sanctuary मथुरा के फरह ब्लाक की कोह ग्राम पंचायत के अंतर्गत जोधपुर झाल पर ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा के पर्यावरण सलाहकार मुकेश शर्मा व पक्षी विशेषज्ञ डॉ केपी सिंह ने पक्षी विहार बनाने की प्रकिया के अंतर्गत विशेषज्ञों के दल के साथ किया सर्वे।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 08:16 AM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 08:16 AM (IST)
Bird Sanctuary: ब्रज को एक और सौगात, जोधपुर झाल होगा पक्षी विहार घोषित, बनाई गई समितियां
जोधपुर झाल को पक्षी विहार बनाने की प्रकिया के अंतर्गत सर्वे करते हुए विशेषज्ञों का दल।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा-मथुरा की सीमा पर स्थित जोधपुर झाल वेटलैंड के लिए वन विभाग के सहयोग से उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद पक्षी विहार की डीपीआर बना रहा है। मथुरा के फरह ब्लाक की कोह ग्राम पंचायत के अंतर्गत जोधपुर झाल पर ब्रज तीर्थ विकास परिषद मथुरा के पर्यावरण सलाहकार मुकेश शर्मा व पक्षी विशेषज्ञ डॉ केपी सिंह ने पक्षी विहार बनाने की प्रकिया के अंतर्गत विशेषज्ञों के दल के साथ किया सर्वे। जोधपुर झाल पर कंजर्वेशन रिजर्व अथवा कम्यूनिटी रिजर्व घोषित करने के लिए केन्द्रीय वन , पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के निर्देश पर यह डीपीआर तैयार की जा रही है।

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वन संरक्षण व वेटलैंड समिति का गठन

जोधपुर झाल वेटलैंड को पक्षी विहार विकसित करने हेतु की जा रहीं तैयारियों के अंतर्गत झाल से लगी ग्राम पंचायतों कोह, पिपरोठ, बबरौद, मई बस्तई, कासौटी के जन प्रतिनिधियों व ग्रामीणों के साथ उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पर्यावरण सलाहकार मुकेश शर्मा व बीआरडीएस के अध्यक्ष डॉ.केपी सिंह ने बैठक की। कोह ग्राम पंचायत के ग्राम कोह, जोधपुर, नगला कोह के शिक्षित युवाओं को लेकर वेटलैंड समिति व वन संरक्षण निगरानी समिति का गठन किया गया है। इन समितियों के सहयोग से जोधपुर झाल वेटलैंड की विकास योजनाओं में सदस्यों को प्रशिक्षित करके सहयोग लिया जाएगा। वेटलैंड समिति के अध्यक्ष कोह ग्राम पंचायत के प्रधान हरेन्द्र सिंह व सचिव वन विभाग के धर्मेन्द्र यादव होगें व वन संरक्षण समिति के अध्यक्ष ग्राम प्रधान व सचिव लेखपाल कपिल होगें एवं दस-दस सदस्य नामित किये गए हैं। बैठक में ब्रज तीर्थ विकास परिषद की तकनीकि सहयोगी ऐजेन्सी के अधिकारी, कानूनगो, लेखपाल, कोह ग्राम पंचायत प्रधान हरेन्द्र सिंह, पिपरोठ के प्रधान राकेश सिंह, बबरौद प्रधान राजेश शर्मा, पूर्व प्रधान पिपरोठ फौंदीराम, पूर्व प्रधान बबरौद घनश्याम, बीडीसी सदस्य मुनेश चौहान, महेंद्र कटारा, देवेंद्र आदि के साथ ग्रामीण उपस्थित रहे।

प्रवासी पक्षियों के अनुकूल हेविटाट विकसित किया जाएगा

पक्षी विशेषज्ञ डॉ केपी के अनुसार जोधपुर झाल पर मुख्यत: आवासीय व प्रवासी प्रजातियों के अनुकूल विभिन्न जलीय व स्थलीय हेविटाट विकसित किये जाएंगे। झाल के लिए वाटर मेनेजमेंट का प्रारूप तैयार कर भूजल का ही उपयोग किया जाएगा । इसमें आगरा नहर के प्रदूषित पानी का उपयोग नहीं किया जाएगा । यहां आवासीय पक्षियों के प्रजनन को बढाने और सुरक्षित करने के लिए हेविटाट के अनुरूप एक निश्चित भूभाग पर घना जंगल तैयार किया जाएगा । जोधपुर झाल को सुरक्षित रखने के लिए चारो ओर प्राकृतिक बाडबंदी की जाएगी तैयार। पर्यटकों के लिए वाच टावर लगेंगे।

बीआरडीएस संस्था कर रही पक्षी विहार बनाने में सहयोग

जोधपुर झाल वेटलैंड को कंजर्वेशन रिजर्व अथवा कम्यूनिटी रिजर्व घोषित करवाने के लिए बीआरडीएस के अध्यक्ष व पक्षी वैज्ञानिक डाॅ केपी सिंह ने इसे पक्षी विहार घोषित करवाने के लिए मंडलायुक्त आगरा से मुलाकात की और राज्य वेटलैंड अथॉरिटी उत्तर प्रदेश व केन्द्र सरकार के वन ,पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव के साथ पत्राचार करके कंजर्वेशन रिजर्व अथवा कम्युनिटी रिजर्व घोषित करवाने के संदर्भ में पत्राचार किया गया है।

विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों को मिलेगा संरक्षण

प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी मथुरा द्वारा बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी को पत्र लिखकर जोधपुर झाल के फौना व फ्लोरा का रिकार्ड मांगा गया था। सौंपी गई इस रिपोर्ट के अनुसार जोधपुर झाल पर 184 पक्षियों की प्रजातियां दर्ज हो चुकी हैं जिनमें 139 आवासीय व 45 प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां शामिल हैं । जोधपुर झाल वेटलैंड (आर्द्रभूमि) पर स्थलीय व जलीय पक्षियों की लगभग 50 से अधिक प्रजातियां प्रजनन करती हैं। इस वेटलैंड (आर्द्रभूमि) पर प्राकृतिक वनस्पतियों की 70 से अधिक प्रजातियों को दर्ज किया गया है। जोधपुर झाल पर तितलियों की 30 से अधिक साथ ही स्तनधारियों व सरीसृप श्रेणी में नील गाय, जंगली खरगोश, गोल्डन जेकाल, जंगली सुअर, मोनीटर लिजार्ड, गार्डन लिजार्ड, नेवला आदि प्रजितियां दर्ज की गई हैं।

प्रवासी पक्षियों के लिए आदर्श स्थल है जोधपुर झाल

पक्षी विशेषज्ञ डॉ केपी सिंह के अनुसार प्रवासी पक्षी अपने बार्षिक चक्र को पूरा करने के लिए प्रवास पर आते हैं। प्रवासी पक्षी अपने निर्धारित माइग्रेशन रूट के माध्यम से उन वेटलैंड्स पर पहुंचते हैं जिन पर भोजन की उपलब्धता पूर्ण रूप से होती है। प्रवासी पक्षियों के मूल स्थानों की झीलों पर बर्फ जम जाने के कारण उन्हे वहां भोजन उपलब्ध नहीं हो पाता है और वो प्रवास पर निकल पड़ते हैं। जोधपुर झाल पर यूरोप और मध्य एशियाई देशों से सेन्ट्रल एशियन फ्लाईवे के माध्यम से पक्षी प्रवास पर आते हैं। इस फ्लाईवे के अंतर्गत भारत सहित 30 देश शामिल हैं।

डाॅ के पी सिंह के अनुसार जोधपुर झाल पर विभिन्न प्रकार के हेविटाट हैं जैसे कम गहराई के जल निकाय, दलदली घास , उथला पानी , लवणीय मिट्टी में बारिश के पानी का संचय, एल्गी, शैवाल और विभिन्न प्रकार की घासें मौजूद हैं जिनमें प्रवासी पक्षियों के लिए भरपूर भोजन उपलब्ध होता है। बीआरडीएस के अध्यक्ष डॉ.केपी सिंह ने कहा कि

जोधपुरझाल आर्द्रभूमि में मथुरा जिले में जीव-जंतुओं और वनस्पतियों सहित समृद्ध जैव विविधता है। यह संकटग्रस्त और लुप्तप्राय वन्यजीवों की प्रजातियों का घर है। 


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