Jodhpur Jhal: जोधपुर झाल मिटा सकता है आगरा की प्यास, कारगर रहेगा ये उपाय
जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को लेनी होगी रुचि। नेशनल चैंबर आफ इंडस्ट्रीज एंड कामर्स के प्रतिनिधियों ने किया जोधपुर झाल का निरीक्षण। सिकंदरा रजवाहा के सुदृढ़ीकरण पर देना होगा ध्यान। पं. दीनदयाल सरोवर के रूप में विकसित किया जाना है जोधपुर झाल को।
आगरा, जागरण संवाददाता। लगातार गंभीर होती आगरा की पानी की समस्या का समाधान हर कोई तलाश रहा है। इस मामले में नेशनल चैंबर आफ इंडस्ट्रीज एंड कामर्स और जलाधिकार फाउंडेशन ने जोधपुर झाल का निरीक्षण कर संभावनाएं तलाशी हैं। आगरा में पानी की समस्या के निदान को उन्होंने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से जोधपुर झाल में रुचि लेने की अपील की है।
नेशनल चैंबर के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल का कहना है कि हमारे आसपास पर्याप्त जल उपलब्ध है। लेकिन प्रबंधन सही न होने से पानी की किल्लत है। यदि जोधपुर झाल के पानी को बर्बाद होने से रोक दिया जाए और उसमें पानी के इंटेक व डिस्चार्ज का सही प्रबंधन हो जाए तो जोधपुर झाल से ही क्षेत्र की पानी की समस्या दूर हो सकती है। जोधपुर झाल जलाशय को पं. दीनदयाल सरोवर के रूप में विकसित करना बहुउद्देशीय महत्वाकांक्षी योजना है। आगरा नहर के सिकंदरा रजवाहा के सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता है क्योंकि सिकंदरा रजवाहा इस योजना की ही नहीं, कीठम झील के लिए डिस्चार्ज होने वाले पानी की व्यवस्था की भी रीढ़ है। नहर की पटरी जहां कमजोर है, वहां अर्थ वर्क करवाया जाना है। इसके लिए चैंबर हर संभव सहयोग करेगा। मामले में चैंबर जल्द ही सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता के साथ बैठक करेगा, यदि सिंचाई विभाग सहमति और डिजाइन आदि उपलब्ध करा देगा, तो जरूरी सैल्यूस गेट उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा, जिससे नहर सुरक्षित रहेगी और पानी व्यर्थ नहीं होगा।
बता दें कि जोधपुर झाल आगरा नहर का टर्मिनल है। ओखला से 100 मील की दूरी तय करके नहर झाल के ठीक अप-स्ट्रीम में मिलती है।इसका पानी टर्मिनल रजवाहा, सिकंदरा रजवाहा में बंटता है और सिकंदरा रजवाहा से ही कीठम एस्केप निकलता है। जलाधिकार फाउंडेशन के राजीव सक्सेना का कहना है कि जोधपुर झाल व आगरा टर्मिनल में यदि छोटे-छोटे सुधार हो जाएं, तो पानी का व्यर्थ बहाव बंद होगा। साथ ही पानी के इंटेक व डिस्चार्ज और जल प्रबंधन ठीक होने से समुचित रूप से पानी मिलेगा।