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Janmashtami 2020: यशोदा जायौ ललना मैं वेदन में सुन आई, कृष्ण जन्म के बाद गोकुल की अनूठी परंपरा

Janmashtami 2020 नंद घर आनंद भयौ जय कन्हैयालाल की। मथुरा दास पुजारी ने कन्हैया की छीछी को फेंका।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 03:43 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 03:43 PM (IST)
Janmashtami 2020: यशोदा जायौ ललना मैं वेदन में सुन आई, कृष्ण जन्म के बाद गोकुल की अनूठी परंपरा
Janmashtami 2020: यशोदा जायौ ललना मैं वेदन में सुन आई, कृष्ण जन्म के बाद गोकुल की अनूठी परंपरा

आगरा, जेएनएन। भगवान श्री कृष्ण की क्रीड़ा स्थली गोकुल में जन्मोत्सव के दूसरे दिन नंदोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही नंद भवन में नंदोत्सव की धूम मची हुई थी। भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने नृत्य कर अपने लल्ला की भक्ति में पूरी तरह से डूब गए।

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गुरुवार भोर से ही गोकुल में नंदोत्सव की तैयारी शुरू हो गई। साथ ही इंद्रदेव भी मेहरबान थे। रिमझिम के बीच श्रद्धालु गोकुल से नंद भवन में एकत्रित हुए। यहां नंदोत्सव का शुभारंभ किया गया। मथुरा दास पुजारी ने कन्हैया की छीछी को फेंका। छीछी को अपने ऊपर लेने के लिए मंदिर में श्रद्धालु लालायित हो रहे थे। हर कोई अपने लल्ला के दर्शन कर उसे पलना में झुलाने के लिए उत्सुक थे। इस दौरान यशोदा जायो ललना, मैं वेदन में सुन आई, नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की... आदि बधाईयों से नंदभवन का वातावरण पूरी तरह से भगवान श्रीकृष्णमय हो गया। गोकुल की कीर्तन मंडली ने एक एक कर भजन प्रस्तुत किए। जिसके साथ ही बधाई महोत्सव में आस्था और भक्ति का रस तरह से टपक रहा था, जैसे मधुमक्खी के छत्ते का शहद हो। भजन कीर्तन के दौरान श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। अपने लल्ला की भक्ति में श्रद्धालु पूरी तरह से डूबे हुए थे। जमकर नृत्य किया। कन्हैया के जयघोष से वातावरण गुंजाएमान हो गया। 

बिना श्रद्धालुओं के बिहारी जी की मंगला आरती

ठाकुर बांकेबिहारी में ठाकुर जी के जन्मोत्सव पर सेवायतों ने अभिषेक किया। साल में केवल एक बार ही होने वाली मंगला आरती के लिए जिस मंदिर में लाखों श्रद्धालु पहुंचते थे। आज वहां मंगला आरती में केवल सेवायत थे। इतिहास में पहली बार ठाकुर जी की मंगला आरती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध था। उधर, सुबह वृंदावन के राधारमण लाल जू, राधा दामोदर और शाह जी मंदिर में अभिषेक हुआ। रात में द्वारिकाधीश मंदिर, प्रेम मंदिर, चंद्रोदय मंदिर के साथ ही दानघाटी मंदिर गोवर्धन और मुकुट मुखारङ्क्षवद मंदिर गोवर्धन में जन्मोत्सव धूमधाम से मना।


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