Good News: IVF इलाज के पैसे नहीं है, चिंता न करें, लोन ले लें Agra News
आइवीएफ विधि पर आता है एक से डेढ़ लाख का खर्चा। गरीब निसंतान दंपतियों के लिए मां-बाप बनना हुआ आसान।
आगरा, प्रभजोत कौर। समाज के तानों से सूनी गोद व्यथित थी। हर दर पर माथा टेकने के बाद भी मन्नत पूरी नहीं हो रही थी। वैज्ञानिक इलाज इतना महंगा कि आर्थिक हालात इजाजत ही नहीं दे रहे थे मगर, फाइनेंस कंपनियों ने नि:संतान दंपतियों की ये चिंता भी दूर कर दी। गोद भरने के इलाज के लिए लोन देने लगी हैं। गरीब दंपती के सूने आंगन में भी किलकारी गूंजने लगी हैं।
शहर में एक ऑटो चालक हैं। शादी को आठ साल हो चुके हैं मगर कोई बच्चा नहीं हुआ। इलाज भी काम न आया। आइवीएफ (टेस्ट टयूब बेबी) विधि के बारे में पता किया तो करीब डेढ़ लाख का खर्चा खर्चा सुन हिम्मत हार गए। दवा और अस्पताल का चार्ज अलग से। अस्पताल में ही मौजूद फाइनेंस कंपनी के प्रतिनिधि से अपनी मजबूरी जाहिर की। कपंनी प्रतिनिधि ने इलाज के खर्चे को लोन प्रक्रिया समझाई। आसान किस्तों का वास्ता दिया। ऑटो चालक की उम्मीदें फिर जगीं। करीब एक साल पहले लोन प्रक्रिया पूरी कर आइवीएफ विधि अपनाई। अब आंगन में किलकारी गूंज रही है। इस ऑटो चालक की तरह तमाम ऐसे गरीब दंपती हैं जो इसी तरह लोन लेकर आइवीएफ विधि अपना रहे हैं।
एक साल में कई दर्जन ले चुके हैं लोन
आगरा में आइवीएफ विधि से इलाज देने वाले आधा दर्जन से ज्यादा सेंटर हैं। एक सेंटर के संचालक बताते हैं कि एक साल के दौरान ही उनके यहां करीब दो दर्जन केस लोन आधारित हैं। अनुमान जताया कि पूरे शहर में इस तरह के केस कई दर्जनों में हो सकते हैं।
ये है प्रक्रिया
पर्सनल लोन के ब्याज की दर जहां 10 से 15 फीसद तक होती है, वहीं इस लोन की ब्याज दर छह से सात फीसद है। एक फाइनेंस कंपनी के प्रतिनिधिलोकेश कुमार बताते हैं कि इस तरह के लोन में मेडिकल इंश्योरेंस कवर नहीं किया जाता। इसकी अदायगी प्रक्रिया भी आम लोन की तरह ही है। कुछ कंपनियां नो इंटरेस्ट ईएमआइ पर भी लोन दे रही हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
पैसे के अभाव में जो दंपती माता-पिता बनने का सुख नहीं उठा पाते थे, उनके लिए यह सुविधा बहुत लाभदायक है। हमारे सेंटर पर ही ऐसे तमाम केस हैं।
डॉ. नरेंद्र मल्होत्र, निदेशक, रेनबो आइवीएफ सेंटर, आगरा