प्रमुख सचिव करेंगे एसएन के पूर्व प्राचार्य की जांच
कोरोना के इलाज में लापरवाही के आरोप हटा दिया था प्राचार्य पद स करोड़ों के खरीदे उपकरणों का उपयोग नहीं किया
आगरा, जागरण संवाददाता। एसएन मेडिकल कालेज के पूर्व प्राचार्य डा जीके अनेजा के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्हें करोड़ों की खरीद करने के बाद भी कोविड हास्पिटल शुरू न करने और कोरोना मरीजों के इलाज में अव्यवस्था पर 13 मई को प्राचार्य पद से हटा दिया गया था। वर्तमान में वे लखनऊ स्थित निदेशालय से सम्बद्ध हैं। इस मामले में अपर मुख्य सचिव डा रजनीश दुबे ने प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन को जांच अधिकारी नामित किया है। प्रमुख सचिव पशुधन ने जताई असमर्थता
पूर्व प्राचार्य के खिलाफ जांच के लिए प्रमुख सचिव पशुधन को जांच अधिकारी बनाया गया था। डा अनेजा मेरठ मेडिकल कालेज में कार्यरत रहे हैं। प्रमुख सचिव पशुधन मेरठ में संयुक्त मजिस्ट्रेट, जिलाधिकारी और मंडलायुक्त रह चुके हैं, इस आधार पर नैतिक दृष्टिकोण और पारदर्शिता से जांच न होने की बात कहते हुए उन्होंने असमर्थता जताई थी। ये बरती गई लापरवाही
मार्च में कोरोना का पहला मरीज एसएन इमरजेंसी के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। इसके बाद इलाज और जांच के लिए एसएन को करोड़ों का बजट मिला। माइक्रोबायोलाजी लैब में कोरोना की जांच को लगी पीसीआर मशीन को झांसी मेडिकल कालेज भेज दिया गया। यहां नई मशीन खरीदी गई। इसके बाद भी कोरोना की जांच शुरू नहीं हुई। दूसरी मशीन भी खरीद ली गई। कोरोना संक्रमित मरीजों की डायलिसिस के लिए टेक्नीशियन उपलब्ध नहीं हो सके। ये हुई थी कार्रवाई
-डा अनेजा प्राचार्य पद से हटाए गए
- सीएमएस डा एससी जैन हटाए गए
- मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा पीके माहेश्वरी निलंबित किए गए
-बाल रोग विभागाध्यक्ष डा राजेश्वर दयाल पर विभागीय कार्रवाई 2.50 करोड़ से खरीदे गए उपकरण
-6 हीमोडायलिसिस मशीन, 7. 83 लाख प्रति मशीन, 47 लाख की मशीनें
-2 फर्श साफ करने वाली मशीन, 2.49 लाख प्रति मशीन, 4. 98 लाख
-10 वेंटीलेटर, 1 .66 लाख प्रति वेंटीलेटर, 16 .63 लाख
-900 पीपीई किट, 999 प्रति किट, 4. 99 लाख
-3000 पीपीई किट, 1088 प्रति किट, 32 लाख
-78 हैंड सैनिटाइजर 500 एमएल, 250 रुपये प्रति सैनिटाइजर, 19,500 रुपये
-12 डिजिटल बीपी इंस्ट्रूमेंट, 1663 प्रति इंस्ट्रूमेंट, 19.9 हजार।