Agra School Reopen: बस तीन दिन और, नहीं हुआ स्कूल खुलने पर नियमों का पालन तो गिरेगी गाज
Agra School Reopenस्कूलों में सिर्फ उन्हीं विद्यार्थियों को प्रवेश देने के निर्देश दिए जिनके अभिभावक लिखित में अनुमति देंगे। बिना अनुमति किसी विद्यार्थी को स्कूल में नहीं आने दिया जाए। स्कूल किसी भी अभिभावक पर परीक्षा आदि का दबाव बनाकर विद्यार्थियों को स्कूल नहीं बुलाएंगे।
आगरा, जागरण संवाददाता। स्कूल 19 अक्टूबर से खुल रहे हैं, लिहाजा स्टैंडर्ड ओपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। अभिभावकों की अनुमति के बिना विद्यार्थियों को स्कूल न आने दिया जाए। नियमों में किसी भी तरह की ढ़िलाई या लापरवाही पर स्कूल प्रधानाचार्य के साथ जिला विद्यालय निरीक्षक भी जिम्मेदार होंगे। यह निर्देश गुरुवार को हुई वीडियो कान्फ्रेंसिंग में अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने दिए।प्रदेशभर के शिक्षाधिकारियों के साथ बैठक कर उन्होंने शासन और शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए। सबसे ज्यादा जोर अभिभावकों की अनुमति पर रहा। स्कूलों में सिर्फ उन्हीं विद्यार्थियों को प्रवेश देने के निर्देश दिए, जिनके अभिभावक लिखित में अनुमति देंगे। बिना अनुमति किसी विद्यार्थी को स्कूल में नहीं आने दिया जाए। स्कूल, किसी भी अभिभावक पर परीक्षा आदि का दबाव बनाकर विद्यार्थियों को स्कूल नहीं बुलाएंगे। आनलाइन कक्षाएं पहले की तरह नियमित व अनिवार्य रूप से चलाई जाएंगी। स्कूल में सभी विद्यार्थियों की नियमित थर्मल स्क्रीनिंग व हाथ सैनिटाइज कराए जाएंगे। स्कूल व कक्षा में शारीरिक दूरी का सख्ती से पालन किया जाए। अधिकतम तीन घंटे की ही कक्षा लगाई जाए और प्रयोगात्मक विषयों को पढ़ाने पर जोर रहे। बैठक में मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश अग्रवाल व सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक सुभाष बाबू गौतम शामिल हुए।
लापरवाही पर प्रधानाचार्य जिम्मेदार
उन्होंने निर्देश दिए कि नियमों का अनुपालन सख्ती से हो, किसी भी तरह की लापरवाही या खामी मिलने पर स्कूल प्रधानाचार्य व जिला विद्यालय निरीक्षण की जिम्मेदारी तय होगी, जिस पर कार्यवाही भी होगी।
महज 15.23 फीसद अभिभावक ने ही दी सहमति
19 अक्टूबर को स्कूल खुलने में महज चंद दिन शेष हैं, लेकिन अब तक अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने का मन नहीं बना पाएं हैं। स्थिति यह है कि शिक्षा विभाग को जिले में अब तक महज 15.25 फीसद, जबकि मंडल में 11.23 फीसद ही अभिभावकों की सहमति मिली है। जिलेवार स्थिति की बात करें, तो सबसे ज्यादा अनुमति आगरा जिले के अभिभावकों ने दी है। जिले में कक्षा नौवीं से 12वीं तक के 245792 पंजीकृत विद्यार्थियों में से सिर्फ 37198 के अभिभावकों ने सहमति दी है, जो 15.25 फीसद है। दूसरे नंबर पर फीरोजाबाद जिला है। यहां 156957 पंजीकृत विद्यार्थियों में से 18834 के अभिभावकों ने सहमति दी है, जो 11.99 फीसद है। वहीं मैनपुरी में 128387 पंजीकृत विद्यार्थियों मेें से 9702 (07.55 फीसद) और मथुरा में 157641 में से 11408 ((07.23 फीसद) के अभिभावकों ने ही स्कूल भेजने की अनुमति दी। वहीं मंडल की बात करें, तो कुल 686777 पंजीकृत विद्यार्थियों में से 77139 (11.23 फीसद) के अभिभावकों ने ही स्कूल भेजने की सहमति दी है।