जोंस मिल बम कांड में इंस्पेक्टर ने किया खेल, निलंबित
जोंस मिल बम धमाके की विवेचना में बिल्डर चुनमुन अग्रवाल को पहले मुकदमे में आरोपित बनाया अब दी क्लीन चिट एक ही दिन में सीओ पेशी से कोर्ट पहुंच गई अंतिम रिपोर्ट आख्या एसएसपी बबलू कुमार ने इंस्पेक्टर छत्ता सुनील दत्त को निलंबित किया
आगरा, जागरण संवाददाता। जोंस मिल बम धमाके की विवेचना पर अधिकारियों की नजर होने के बाद भी इंस्पेक्टर छत्ता ने खेल कर दिया। पहले विवेचना में मातंगी बिल्डर्स के मालिक चुनमुन अग्रवाल को उन्होंने आरोपित बनाया। दबिश-दबिश खेलने के बाद मामले में ढील दी गयी और अब बिल्डर को क्लीन चिट दे दी। खेल सामने आने के बाद एडीजी और आइजी ने मामले में नाराजगी जताई। इसके बाद एसएसपी बबलू कुमार ने इंस्पेक्टर छत्ता सुनील दत्त को निलंबित कर दिया है।
जीवनी मंडी के जोंस मिल में 19 जुलाई को बम धमाका हुआ था। इंस्पेक्टर सुनील दत्त ने पहले इसे सिलेंडर में विस्फोट बताया था। एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद मौके पर पहुंचे थे। जांच में साफ हुआ था कि मौके पर बम फटा है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रज्जो जैन समेत नौ लोगों को इस धमाके में जेल भेजा गया था। मुकदमे की विवेचना इंस्पेक्टर छत्ता सुनील दत्त ने की। उन्होंने विवेचना के 11वें पर्चे में मातंगी बिल्डर के मालिक हेमेंद्र अग्रवाल उर्फ चुनमुन को इस धमाके की साजिश में शामिल होने का आआरोपित बनाया। जानकारी होने पर बिल्डर ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दे दिया। कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई। हेमेंद्र अग्रवाल हाईकोर्ट चले गए। वहां से गिरफ्तारी पर रोक का स्टे मिल गया। इस दौरान पुलिस ने दो बार उनके घर पर दबिश दी। मामला ऊपर तक पहुंचा। बिल्डर का नाम कैसे बढ़ाया गया, किस आधार पर आरोपित बनाया गया, यह सवाल उठा। पुलिस ने यहां से ही खेल शुरू किया। इंस्पेक्टर ने इस मामले में विधिक राय ली। नाम बढ़ाने के पीछे यह आधार बनाया गया था कि उनकी आरोपियों से मोबाइल पर बातचीत होती थी। विधिक राय में कहा गया कि इसे आधार नहीं बनाया जा सकता। इंस्पेक्टर सुनील दत्त ने इसी आधार पर उनका नाम मुकदमे से निकाल दिया। अन्य आरोपियों के खिलाफ पहले ही आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया जा चुका था। सूत्रों का कहना है कि इंस्पेक्टर छत्ता खुद अंतिम रिपोर्ट आख्या लेकर सीओ कार्यालय पहुंचे। उसी दिन रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी। मामला एडीजी अजय आनंद और आइजी ए. सतीश गणेश के संज्ञान में आया तो उन्होंने एसएसपी से जानकारी मांगी। तब तक एसएसपी भी इससे अनजान थे। जानकारी होने पर उन्होंने इंस्पेक्टर छत्ता सुनील दत्त को निलंबित कर दिया।
डीजीपी तक पहुंचा इंस्पेक्टर का एक और कारनामा
छत्ता थाने में पिछले दिनों हुए एक और खेल की जानकारी डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी तक पहुंच गई है। पिछले दिनों तेल माफिया मनोज गोयल के साथ मारपीट के दौरान एक सट्टेबाज को भी पकड़ा गया था। उसे उसी रात छोड़ दिया गया था। यह घटना अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी। सवाल उठे थे। मामला एसएसपी बबलू कुमार के संज्ञान में भी आया था। उस समय इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। अब डीजीपी ने इस पर रिपोर्ट मांगी है।