Inflation: पेपर पर भी महंगाई की मार, 15 दिन में बढ़ गए इतने दाम
Inflation कच्चा माल न आने से कम हुआ उत्पादन। जिस कारण पेपर के दामों में पांच रुपये किलो की तेजी आई है। आगरा में पैकिंग प्रिंटिंग क्राफ्ट व स्टेशननरी का कागज मेरठ मुजफ्फरनगर व दिल्ली से सटे शहरों की पेपर मिलों से आता है।
आगरा, जागरण संवाददाता। पैकिंग पेपर, स्टेशनरी और प्रिंटिंग पेपर सहित सभी पेपर पर सर्दी और कोरोना का असर दिखाई दे रहा है। विदेशों में कोरोना के चलते लगे दूसरे लाकडाउन के चलते कच्चा माल नहीं आ रहा है। इसके चलते नए पेपर के उत्पादन में कमी आई है, जिस कारण पेपर के दामों में पांच रुपये किलो की तेजी आई है। साथ ही मांग के अनुसार पेपर नहीं मिल पा रहा है।
आगरा में पैकिंग, प्रिंटिंग, क्राफ्ट व स्टेशननरी का कागज मेरठ, मुजफ्फरनगर व दिल्ली से सटे शहरों की पेपर मिलों से आता है। इन मिलों को नया कागज बनाने के लिए पुराने, खराब कागज की आवश्यकता पड़ती है, जो बड़ी मात्रा में विदेशों से आता है। मगर, पिछले दिनों में विदेशों में दूसरे लाकडाउन के चलते कच्चे माल की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। इसके अलावा भारत में निकलने वाली रद्दी भी सर्दी के चलते कम आ रही है। इससे मिलों में नया कागज बनाने के लिए कच्चा माल के संकट खड़ा हो गया है। आगरा पेपर एसोसिएशन के पदाधिकारी संजय ने बताया कि जिन मिल से कागज आता है, वहां पर कच्चा माल न आने के चलते उत्पादन प्रभावित हुआ है। पिछले 15 दिनों में पैकिंग कागज के दामों में पांच रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है। पैकिंग पेपर की आगरा में बहुत मांग है। इससे जूते के डिब्बे, मिठाई, पेठा व अन्य आइटम के लिए पैकिंग बाक्स बनाए जाते हैं। दाम बढ़ने के साथ जितनी मांग है, उतना माल नहीं मिल पा रहा है। इससे परेशानी हो रही है। आने वाले दिनाें मे परेशानी और बढ़ने की संभावना है।