मनोरोग के केमिकल लोचा पर मंथन करेंगे विशेषज्ञ
इंडियन एसोसिएशन ऑफ बायोलॉजिकल साइक्यिाट्री की आज से कार्यशाला देश-विदेश के 300 मनोरोग विशेषज्ञ दिमाग में हो रहे बदलाव पर करेंगे विचार विमर्श
जागरण संवाददाता, आगरा: मनोरोग के पीछे केमिकल लोचा। मनोरोग के अत्याधुनिक इलाज पर देश-विदेश के विशेषज्ञ मंथन करेंगे। यहां होटल डबल ट्री बाइ हिल्टन में शुक्रवार से शुरू हो रही दो दिवसीय इंडियन एसोसिएशन ऑफ बायोलॉजिकल साइक्यिाट्री की कार्यशाला में मनोरोग के कारण और इलाज पर विचार विमर्श किया जाएगा।
गुरुवार को होटल डबल ट्री बाइ हिल्टन में आयोजित प्रेसवार्ता में आयोजन अध्यक्ष डॉ. यूसी गर्ग ने बताया कि दिमाग में हो रहे बायोलॉजिकल (केमिकल) बदलाव से स्क्रिजोफ्रेनिया, बाइपोलर डिसऑर्डर, ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इन बीमारियों के इलाज के लिए लगातार शोध चल रहे हैं, अब मनोरोगियों को मैग्नेटिक स्ट्यूमलेशन दिया जा रहा है। इसके रिजल्ट अच्छे हैं, बायोलॉजिकल बदलाव के लिए नई तरह की दवाएं आ गई हैं। ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, इंग्लैंड के विशेषज्ञ मनोरोग के इलाज पर चर्चा करेंगे। वियतनाम, मलेशिया, थाइलैंड सहित देश भर से 300 मनोरोग विशेषज्ञ कार्यशाला में शामिल होंगे। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जी प्रसाद रॉय ने बताया कि अच्छे शोध के लिए शोधार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। आयोजन सचिव डॉ. अनिल गौर ने बताया कि दोपहर 12 बजे कार्यशाला का शुभारंभ होगा, दो दिवसीय कार्यशाला में शोध पत्र पेश किए जाएंगे। एमसीआइ यूपी ने आठ क्रेडिट प्वाइंट दिए हैं। मनोरोग की रोकथाम पर 22 को चर्चा
इंडियन साइक्यिाट्री सोसायटी द्वारा 22 सितंबर को मनोरोग की रोकथाम पर सिंपोजियम आयोजित किया जाएगा। इसमें डॉक्टर मनोरोग की रोकथाम के लिए चर्चा करेंगे। ताकि मनोरोगियों को और बेहतर उपचार मिल सके। इस आयोजन से चिकित्सकों को भी बहुत कुछ नया सीखने को मिलेगा।