Independence Day 2020: मिलीये आगरा के इन स्वतंत्रता सारथियों से, जो बचा रहे मासूम बेटियों का बचपन
चाइल्ड लाइन की टीम छेड़े हुए बाल विवाह के खिलाफ मुहिम। इस वर्ष 19 नाबालिग लड़कियों के रुकवाए फेरे।
आगरा, अली अब्बास। जगदीशपुरा इलाके का गांव। जून 2020 की इक शाम। पूरा गांव नाबालिग बेटी की शादी की तैयारी में जुटा था। फेरे पडऩे ही वाले थे कि एक तेजतर्रार महिला ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। हाईस्कूल में 85 फीसद अंक लाने वाली बेटी बालिका वधू बनने से बच गई। यह महिला कोई ओर नहीं, चाइल्ड लाइन की प्रभारी रितु वर्मा थीं। यह महिला कोई और नहीं, चाइल्ड लाइन में सात साल से प्रभारी रितु वर्मा हैं। वह बेटियों को बालिका वधू बनने से बचाने की मुहिम पर हैं। टीम के सदस्य असलम, प्रदीप और पूनम के साथ काम को अंजाम देती हैं। बताती हैं कि लॉकडाउन के दौरान 14 वर्षीय नाबालिग की शादी कराई जा रही थी। बच्ची की सहेली ने इसकी शिकायत की। गांव पहुंची तो शादी चल रही थी। तीन घंटे की जद्दोजहद के बाद स्वजनों को ऐसा न करने के लिए राजी किया। बच्ची आगे पढऩा चाहती थी। कुछ दिन पहले ग्यारहवीं पास कर इंटर में आई किशोरी ने रितु को फोन किया तो उनकी आंखें छलक पड़ी।
फतेहपुर सीकरी में भी कुछ ऐसा हुआ। बड़ी के साथ तेरह साल की छोटी बहन की शादी की जा रही थी। किशोरी इस बात पर शादी को राजी हो गई कि उसे नए कपड़े मिलेंगे। यह शादी भी रुकवाई गई। रितु वर्मा बताती हैं चाइल्ड लाइन टीम में असलम खान आठ और प्रदीप छह साल से जुड़े हैं।
साल दर साल सहायता
वर्ष नाबालिगों के केस
2017 05
2018 07
2019 23
2020 19 (अब तक)
'रितु वर्मा, असलम खान और प्रदीप सीमित संसाधनों में सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं। टीम ने महामारी कोरोना के दौरान भी जिम्मेदारी से डटी रही और बेहतर काम किया । लॉकडाउन के दौरान आधा दर्जन से ज्यादा बेटियों को बालिका वधू बनने से बचाया।
- श्री गोपाल शर्मा
अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति
इन बातों से मान जाते हैं स्वजन
रितु बताती हैं कि अक्सर मां को यह समझाया जाता है कि जिन सपनों को वह पूरा नहीं कर सकीं उसे बेटी को पूरा करने दें। बेटी अगर उच्च शिक्षित होगी तो उसे लड़का भी अच्छा मिलेगा। इसके बाद बात बन जाती है। कई बार नाबालिग की शादी के कानूनी पक्ष को भी समझाना पड़ता है।
क्या है चाइल्ड लाइन
चाइल्ड लाइन, भारत के गैर सरकारी संगठन चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन द्वारा संचालित दूरभाष सहायता सेवा है। बच्चों के हितों की रक्षा के लिए काम करती है। इसका दूरभाष नंबर 1098 है।